बेंगलुरु, 19 नवंबर केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा को ‘‘किसानों की आजादी’’ बताते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आंदोलन के दौरान ‘शहीद’ हुए प्रत्येक किसानों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की शुक्रवार को मांग की।
सिद्धारमैया ने कई ट्वीट करके उन लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने आंदोलन में शामिल होकर केंद्र को ‘किसान विरोधी कानून’ वापस लेने पर मजबूर किया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किसान विरोधी कानून वापस ले लिए जो किसानों और कांग्रेस के निरंतर विरोध का परिणाम है। सभी किसानों, कांग्रेस के नेताओं और देश के नागरिकों का आभार।’’
सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘अंतत: भाजपा को अपनी गलती का अहसास हुआ और किसान विरोधी कानून वापस लिए गए, अब समय है कि संघर्ष के दौरान शहीद हुए किसानों को न्याय दिया जाए। मैं प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुरोध करता हूं कि मारे गए किसानों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने की घोषणा की जाए। किसानों को अंतत: आजादी मिली।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तानाशाह चाहे कितना भी कठोर क्यों न हो, लोकतंत्र में उसे लोगों के आगे अंतत: झुकना ही पड़ता है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने भी प्रधानमंत्री के फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेना ऐतिहासिक है और यह किसानों की जीत है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए थी।
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