लद्दाख सीमा पर सोमवार रात चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में चीनी कमांडिंग अफसर की भी मौैत हुई है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। भारत और चीन के बीच 45 वर्षों के बाद सोमवार रात पहला घातक संघर्ष हुआ है। इस खूनी संघर्ष में कर्नल सहित 20 भारतीय जवानों की शहादत हुई है जबकि चीनी पक्ष के 43 लोग भी हताहत हुए हैं। परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच इतने खराब हालात 1975 के बाद हुए हैं।
भारत जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार!
चीन और भारत के सैनिकों के बीच झड़प के बाद सुरक्षा स्थिति को लेकर सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक मंगलवार रात हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन के मुकाबले भारत का ज्यादा नुकसान हुआ है। दरअसल चीनी सेनाओं ने गलवान में 14500 फीट की ऊंचाई पर बंकर बना रखे थे। इसके बावजूद भारत की ओर से पूरी ताकत से जवाब दिया गया लेकिन नुकसान भारतीय पक्ष को ज्यादा हुआ है।
बहरहाल, रात करीब 10 बजे दिल्ली में हुई अहम बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख एमएम नरवणे मौजूद थे।
पीएम मोदी करेंगे बड़ी कार्रवाई!
लोकमत संवाददाता हरीश गुप्ता को CCS सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत फिलहाल मामलों को बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि हालात अगर नहीं सुधरते हैं तो भारत दूसरे तौर-तरीके अपना सकता है। सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी भारत को हुए नुकसान का जवाब देने के लिए कोई अहम कदम उठा सकते हैं।
बिना गोलीबारी के इतने जवान हताहत
सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए । लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।” सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी “उसी अनुपात में” हताहत हुए हैं ।
सेना के एक बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान क्षेत्र में जिस स्थान पर 15/16 जून की रात झड़प हुई, वहां से दोनों तरफ के सैनिक हट गए हैं।” इसमें यह नहीं बताया गया है कि सैन्यकर्मी किस प्रकार हताहत हुए हैं और दोनों पक्षों के बीच किसी तरह के गोलाबारी का भी उल्लेख नहीं किया गया है।
भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया और अधिकतर जवान चीनी पक्ष द्वारा किए गए पथराव और लोहे की छड़ों के इस्तेमाल के कारण घायल हुए । झड़प में घायल हुए अधिकारी की पहचान 16 वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के तौर पर हुई । वह तेलंगाना के निवासी थे ।