सड़क से कार्यस्थल तक महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान का एहसास कराना सामूहिक जिम्मेदारी: प्रधानमंत्री

By भाषा | Updated: August 15, 2021 13:29 IST2021-08-15T13:29:16+5:302021-08-15T13:29:16+5:30

Collective responsibility to make women feel safe and respected from road to workplace: PM | सड़क से कार्यस्थल तक महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान का एहसास कराना सामूहिक जिम्मेदारी: प्रधानमंत्री

सड़क से कार्यस्थल तक महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान का एहसास कराना सामूहिक जिम्मेदारी: प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सड़क से लेकर कार्यस्थल तक महिलाओं में सुरक्षा व सम्मान का एहसास सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन, पुलिस, न्यायिक व्यवस्था के साथ ही हर नागरिक को अपनी पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी।

आजादी के 75वें सालगिरह के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब लड़कियों के लिए भी खोले जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें (महिलाओं को) समान अवसर मिले और वह सड़क से लेकर कार्यस्थल तक सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें। इसके लिए देश के प्रशासन, पुलिस, न्यायिक व्यवस्था और प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभानी होगी।’’

उन्होंने कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे हों या ओलपिंक का पदक देश की बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं और वह अपनी जगह बनाने को आतुर हैं।

उन्होंने कहा कि ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ अभियान को मज़बूत करने की दिशा में देश की बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी अध्ययन कर पाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं एक खुशी देशवासियों से साझा कर रहा हूं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वह भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा’’

ज्ञात हो कि देश में इस समय 33 सैनिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा हैं।

सैनिक स्कूलों का संचालन सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा किया जाता है जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आती है। सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से ही भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना था।

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Web Title: Collective responsibility to make women feel safe and respected from road to workplace: PM

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