प्रवासी मजदूरों के लिए बसों को लेकर CM योगी-प्रियंका में छिड़ा महासंग्राम, कांग्रेस ने दूसरी बार बॉर्डर पर भेजीं बसें
By शीलेष शर्मा | Updated: May 19, 2020 15:29 IST2020-05-19T15:29:22+5:302020-05-19T15:29:22+5:30
योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है. अब दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लग रहे है. उनकी दलील थी कि कांग्रेस की ओर से भेजी गई सूची की हमने शुरुआती जांच कराई है.

भाजपा ने सवाल उठाया कि प्रियंका पंजाब ,राजस्थान बसें क्यों नहीं भेजतीं लेकिन जब प्रवासी मज़दूरों का मुद्दा तूल पकड़ने लगा तो बैक फुट आयी सरकार ने रुख बदला तथा पत्रों का सिलसिला शुरू किया ,
नयी दिल्ली: प्रवासी मज़दूरों की वापसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बसों को लेकर महासंग्राम छिड़ गया है। प्रियंका इस बात पर अड़ी हैं कि मज़दूरों को घर भेजने के लिये उन्होंने जिन 1000 बसों को चलाने की अनुमति राज्य सरकार से मांगी है वह अनुमति उनको दी जाये ताकि सीमाओं पर जमा मज़दूरों को उनके गांवों तक पहुँचाया जा सके लेकिन योगी सरकार कांग्रेस को इसकी अनुमति देने से कतरा रही है।
पहले योगी और भाजपा ने सवाल उठाया कि प्रियंका पंजाब ,राजस्थान बसें क्यों नहीं भेजतीं लेकिन जब प्रवासी मज़दूरों का मुद्दा तूल पकड़ने लगा तो बैक फुट आयी सरकार ने रुख बदला तथा पत्रों का सिलसिला शुरू किया ,उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार कल देर रात राज्य सरकार और प्रियंका के बीच पत्राचार चलता रहा लेकिन समाचार लिखे जाने तक सीमाओं पर खड़ी बसें चल नहीं सकीं ,राज्य सरकार ने पहले अनुमति नहीं दी ,जब देने की बात कही तो बसों ,ड्राइवरों आदि का ब्यौरा देर रात मांग लिया ,प्रियंका ने जब ब्यौरा उपलब्ध करा दिया तो उनको कहा गया 1000 बसें लखनऊ भेजो ,बसें लखनऊ को रवाना नहीं हुयीं परन्तु प्रियंका ने राज्य सरकार को लिखा कि इतने कम समय में बसें लखनऊ नहीं पहुँच सकती वह नॉएडा ,ग़ाज़ियाबाद में बसें भेज सकती हैं
इधर, योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर कांग्रेस राजनीति कर रही है. अब दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लग रहे है. उनकी दलील थी कि कांग्रेस की ओर से भेजी गई सूची की हमने शुरुआती जांच कराई है. यह पता चला है कि जिन बसों का विवरण भेजा गया है, उनमें से कई वाहन दोपहिया, ऑटो और माल ढोने वाली गाड़ियां हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस इस तरह की धोखाधड़ी क्यों कर रही है. उनके वयान पर पलट वार करते हुये
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया . लल्लू ने कहा,"सरकार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है. राजनीति करने के लिए जानबूझकर फर्जी नंबर गढ़े गए हैं. हमने जो बसों के नंबर दिए है. हम उन्हें सार्वजनिक कर सकते हैं, सरकार चाहे तो उन्हें सत्यापित करा कर सार्वजनिक कर दे ."
प्रियंका के पत्र के जबाब में राज्य सरकार ने प्रियंका को सूचित किया कि ''कृपया बसो को गाजियाबाद में कौशाम्बी बस अड्डा और साहिबाबाद बस अड्डे में बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें. इसके अतिरिक्त 500 बसें नोएडा में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को एक्सपो मार्ट के निकट ग्राउंड पर उपलब्ध करा दें. संबंधित जिलाधिकारी बसों का परमिट, फिटनेस, इन्श्योरेंस आदि के अभिलेख व चालक के लाइसेंस और परिचालक के अभिलेख चेक कर बसों का उपयोग तत्काल करेंगे.''
उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रियंका गांधी को लिखे पत्र में कांग्रेस से सभी बसों को सुपुर्द करने के साथ-साथ गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट और बस ड्राइवरों का लाइसेंस आज सुबह 10 बजे तक लखनऊ में जमा कराने के लिए कहा था. कांग्रेस ने रात 2 बजकर 10 मिनट पर ही इस पत्र का जवाब दे दिया. लेकिन उसके बाद भी हालात जस के तस बने हुये हैं। कांग्रेस सोशल मीडिया के ज़रिये उन सभी पत्रों को लगातार सार्वजानिक कर रही है जो उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर मुख्य गृह सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा प्रियंका को लिखे गये हैं। फिलहाल बसें ऊँचा नगला ,आगरा और उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी हैं इस इंतज़ार में कि कब उनको अनुमति मिले और वह मज़दूरों को लेकर रवाना हों।