नई दिल्ली, 23 मार्चः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेनएयू) के छात्रों का यौन उत्पीड़न, क्लास में अनिवार्य उपस्थिति, सीट कटौती समेत तमाम मुद्दों को लेकर गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वे शुक्रवार को विश्वविद्यालय कैम्पस से लेकर संसद तक रैली निकाल रहे हैं। इस दौरान बताया जा रहा है कि छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच छड़प में एक छात्र के घायल होने की भी सूचना है।
जेएनयू प्रशासन से नाराज छात्र करीब 2000 हजार की संख्या में रैली भाग ले रहे है। उनके साथ जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) भी शामिल है। वहीं, प्रदर्शन के दौरान भारी सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मी तैनाती गई है।
खबरों के अनुसार, छात्रों और शिक्षकों का पैदल मार्च जैसे ही आईएनए मार्केट पहुंचा वहां रास्ते में पुलिस ने बैरिकेटिंग लगा रखी थी। इसी बैरेकेटिंग को तोड़कर छात्र आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस से झड़प हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस ने गुस्साए छात्रों के ऊपर पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। वहीं, कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है।
आपको बता दें कि छात्र जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी पर नौ लड़कियों ने यौन शोषण के मामले से खासे नाराज चल रहे हैं। अतुल पर एफआईआर होने के चार दिन बाद 20 मार्च को शाम 4.40 बजे के करीब गिरफ्तार किया गया और करीब सात बजे जमानत मिल गई। जौहरी के खिलाफ एफआईआर भी तब दर्ज हुई जब जेएनयू के 50 प्रोफसरों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अतुल जौहरी पर जिन नौ लड़कियों ने आरोप लगाया है उनमें से दो के आरोप बहुत गंभीर हैं और गैर-जमानती अपराध के तहत आते हैं। अन्य सात लड़कियों ने भी जौहरी के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई हैं।
जौहरी जेएनयू के स्कूल ऑफ लाइफ साइसेंज में प्रोफेसर हैं। जेएनयू की वेबसाइट के अनुसार उनके तहत पांच लड़के और छह लड़कियां पीएचडी कर रहे हैं। एक अन्य लड़की उनके तहत कोलैबरोशन पीएचडी स्टूडेंट है। जौहरी 50 से ज्यादा छात्रों के एमफिल सुपरवाइजर रह चुके हैं। जौहरी ने 1992 में एफफिल और 1995 में पीएचडी की। साल 2004 में जेएनयू में असिस्टेंट प्रोफेसर बने। साल 2008 में वो असोसिएट प्रोफेसर और 2014 में प्रोफेसर बने। अतुल जौहरी माइक्रोबायल पैथोजेनेसिस, मेंब्रान प्रोटीन्स स्ट्रक्चर, नैनोटेक्नोलॉजी फॉर जीन डिलिवरी एंड रैपिड डिटेक्शन ऑफ पैथोजिन्स इत्यादि विषयों के विशेषज्ञ हैं।