सीजेआई बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति एनवी रमणा के नाम की सिफारिश की

By भाषा | Updated: March 24, 2021 20:04 IST2021-03-24T20:04:10+5:302021-03-24T20:04:10+5:30

CJI Bobde recommends the name of Justice NV Ramana as his successor | सीजेआई बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति एनवी रमणा के नाम की सिफारिश की

सीजेआई बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति एनवी रमणा के नाम की सिफारिश की

नयी दिल्ली, 24 मार्च भारत के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी और देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमणा के नाम की सिफारिश की है।

सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठता क्रम के नियमों का पालन करते हुए यह सिफारिश की है।

प्रधान न्यायाधीश द्वारा केंद्र सरकार को यह अनुशंसा उस दिन भेजी गई जब उसने “उचित विचार” के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी की रमणा के खिलाफ दी गई याचिका को खारिज करने के अपने फैसले को सार्वजनिक किया।

सूत्रों ने बताया कि 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे न्यायमूर्ति बोबडे ने विधि एवं न्याय मंत्रालय को अपनी अनुशंसा भेजने के साथ ही उसकी एक प्रति न्यायमूर्ति रमणा को भी सौंपी।

नियमों के मुताबिक, मौजूदा सीजेआई अपनी सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले, अपने उत्तराधिकारी को लेकर एक सिफारिश भेजते हैं।

अगर सरकार सिफारिश मंजूर कर लेती है तो न्यायमूर्ति रमणा 24 अप्रैल को भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर पदभार संभाल सकते हैं। वह 26 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त होंगे।

सरकार सीजेआई बोबडे की सिफारिश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेगी। सीजेआई की सिफारिश के साथ ही भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में 27 अगस्त 1957 में जन्मे न्यायाधीश रमणा ने 10 फरवरी 1983 को वकील के तौर पर पंजीकरण कराया था।

वह 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए और उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया।

न्यायाधीश रमणा को दो सितंबर 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया और 17 फरवरी 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

मुख्यमंत्री रेड्डी की न्यायमूर्ति रमणा के खिलाफ शिकायत को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले की जानकारी अदालत की वेबसाइट पर जारी एक बयान के माध्यम से दी गई।

बयान में कहा गया, “आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा छह अक्टूबर 2020 को उच्चतम न्यायालय में एक शिकायत भेजी गई जिस पर आंतरिक प्रक्रिया के तहत गौर किया गया और उचित विमर्श के बाद उसे खारिज कर दिया गया। यह दर्ज किया जाए कि आंतरिक प्रक्रिया के तहत निपटाए जाने वाले मामले बेहद गोपनीय प्रकृति के होते हैं और उन्हें सार्वजनिक किये जाने की जरूरत नहीं हैं।”

एक अभूतपूर्व कदम के तहत रेड्डी ने छह अक्टूबर को सीजेआई बोबडे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि उच्चतम न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कामकाज में दखल दे रहे हैं और तेलुगु देशम पार्टी और उसके मुखिया चंद्रबाबू नायडु के हितों में काम कर रहे हैं।

रेड्डी ने आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का इस्तेमाल “लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई उनकी सरकार को अस्थिर करने और गिराने” के लिये किया जा रहा है।

रेड्डी ने सीजेआई से इस मामले को देखकर विचार करने तथा “प्रदेश की न्यायपालिका की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये जो भी उचित व उपयुक्त लगे”, वैसा कदम उठाने का अनुरोध किया था।

बाद में मुख्यमंत्री के इस पत्र को आंध्र प्रदेश के अमरावती में पिछले साल 10 अक्टूबर को उनके प्रधान सलाहकार अजय कल्लम ने मीडिया को भी जारी किया था।

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Web Title: CJI Bobde recommends the name of Justice NV Ramana as his successor

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