नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम में व्यापक विरोध के बीच बुधवार को अमित शाह ने इसे पेश करते हुए कहा कि सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के सामाजिक सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
गृह मंत्री शाह ने कहा, '1985 में असम अकॉर्ड हुआ था। क्लॉज-6 में राज्य की मूल संस्कृति को बचाये रखने का प्रावधान है। मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कि एनडीए सरकार एक कमेटी के निरीक्षण में असम के सभी अधिकारों की रक्षा करेगी। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन कमेटी का हिस्सा है।'
अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के भाषाई, सामाजिक, राजनीतिक रक्षा के लिए सरकार अपनी प्रतिबद्धता जताती है। शाह ने साथ ही कहा कि चुनाव में बीजेपी ने इस विषय को अपने घोषणा पत्र में रखा था और जनता ने इसे अपना समर्थन दिया है।
शाह ने कहा, 'चुनाव में हमने घोषणापत्र जनता के सामने रखा था। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में असंदिग्ध तौर पर नागरिकता बिल का इरादा जनता के सामने रखा था। जनता ने हमें जिताकर इसे समर्थन दिया है। हमने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों में उन वर्गों के लिए सभी मुद्दों को स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे, जिन्होंने कानून के बारे में आशंका जताई है। पूर्वोत्तर के लोगों की चिंताओं को हम देखेंगे यह कहा गया था।'
बता दें कि राज्यसभा में बुधवार को इस विधेयक पर चर्चा-बहस हो रही है। वहीं, असम में कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों पर रबड़ की गोलियां चलाई और लाठीचार्ज भी किया। डिब्रूगढ़ शहर में एक पॉलिटेक्निक संस्थान के निकट प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।