गंभीर बीमारी से जूझ रही दो साल की बच्ची के उपचार के लिए सीआईएल ने 16 करोड़ रुपये दिये

By भाषा | Updated: November 18, 2021 17:13 IST2021-11-18T17:13:38+5:302021-11-18T17:13:38+5:30

CIL gave Rs 16 crore for the treatment of a two-year-old girl suffering from serious illness | गंभीर बीमारी से जूझ रही दो साल की बच्ची के उपचार के लिए सीआईएल ने 16 करोड़ रुपये दिये

गंभीर बीमारी से जूझ रही दो साल की बच्ची के उपचार के लिए सीआईएल ने 16 करोड़ रुपये दिये

नयी दिल्ली, 18 नवंबर दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपने एक खदान कर्मी की दुर्लभ बीमारी से जूझ रही दो साल की बच्ची के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

कोल इंडिया (सीआईएल) की शाखा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के दीपका खदान क्षेत्र में काम करने वाले सतीश कुमार रवि की बेटी सृष्टि रानी स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी से जूझ रही है जो एक आनुवंशिक विकार है और इसमें रोगी रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के स्टेम से तंत्रिका कोशिकाओं के क्षरण की वजह से मांसपेशियों की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रख पाता।

सृष्टि को जॉलगेंसमा नाम का इंजेक्शन लगाना होगा जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। बच्ची का पिछली बार इलाज दिल्ली में एम्स में कराया गया था जिसके बाद उसे छत्तीसगढ़ में एसईसीएल के दीपका खदान क्षेत्र में उसके घर पर पोर्टेबल वेंटिलेटर पर रखा गया है।

कंपनी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘सतीश जैसे कर्मचारी के लिए इतना महंगा इंजेक्शन खरीदना संभव नहीं है। अब सीआईएल प्रबंधन ने इंजेक्शन का खर्च उठाने का स्वागत योग्य फैसला लिया है जिसका आयात करना होगा। इस सद्भावनापूर्ण कदम से सीआईएल ने सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों और संस्थानों के लिए उदाहरण भी पेश किया है।’’

सृष्टि का जन्म 22 नवंबर, 2019 को हुआ था। जन्म के छह महीने के बाद वह बीमार पड़ने लगी। कोविड-19 महामारी की वजह से उसके माता-पिता उसके बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं जा सके और उसका इलाज स्थानीय स्तर पर ही कराना पड़ा। दिसंबर, 2020 में उसे क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर ले जाया गया जहां उसे स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी होने का पता चला।

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Web Title: CIL gave Rs 16 crore for the treatment of a two-year-old girl suffering from serious illness

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