जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी के लिए सीआईडी वेरिफिकेशन अनिवार्य, उम्मीदवारों को देनी पड़ेगी ये जानकारियां

By वैशाली कुमारी | Updated: June 22, 2021 13:04 IST2021-06-22T13:04:45+5:302021-06-22T13:04:45+5:30

जम्मू कश्मीर में अब सरकारी नौकरी पाने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और भी ज्यादा सख्त कर दी गई है सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा एक संशोधन के बाद जम्मू कश्मीर में बिना सीआईडी वेरीफिकेशन के कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पाएगा।

CID verification mandatory for government jobs, candidates will have to give this information | जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी के लिए सीआईडी वेरिफिकेशन अनिवार्य, उम्मीदवारों को देनी पड़ेगी ये जानकारियां

जम्मू कश्मीर में अब सरकारी नौकरी पाने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और भी ज्यादा सख्त कर दी गई है

Highlightsएक  रिपोर्ट के मुताबिक नए संशोधन नियम के बाद अब ड्यूटी पर तैनात अफसरों को भी सीआईडी वेरिफिकेशन कराना होगा।प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेंगे। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस ले लिया था

जम्मू कश्मीर में अब सरकारी नौकरी पाने के लिए वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और भी ज्यादा सख्त कर दी गई है सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा एक संशोधन के बाद जम्मू कश्मीर में बिना सीआईडी वेरीफिकेशन के कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर पाएगा।

इस वेरीफिकेशन के अंतर्गत नौकरी पाने वाले इच्छुक व्यक्ति को बताना होगा कि परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार किसी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ा है या फिर किसी विदेशी मिशन या संगठन, या किसी प्रतिबंधित संगठन के साथ संबंध रखता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक नए संशोधन नियम के बाद अब ड्यूटी पर तैनात अफसरों को भी सीआईडी वेरिफिकेशन कराना होगा। उन्हें नियुक्ति की तारीख से लेकर पोस्टिंग और प्रमोशन जैसी डिटेल्स भी देनी होंगी। इसके अलावा किसी के माता-पिता, पति या पत्नी, बच्चों और सौतेले बच्चों, सास-ससुर, साले और ननद की नौकरियों की भी जानकारी देनी होगी। 

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में  जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा  मिलने पर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस ले लिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। 

इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कश्मीर के कई राजनेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। धीरे-धीरे  प्रतिबंध हटा लिया गया और हिरासत में लिए गए राजनेताओं को रिहा भी कर दिया गया।

Web Title: CID verification mandatory for government jobs, candidates will have to give this information

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