जयपुर, 25 दिसंबर बाड़मेर के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर हुए कातिलाना हमले के मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध जांच शाखा (सीआईडी-सीबी) करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यह घोषणा की।
गहलोत ने ट्वीट किया कि जिला कलेक्टर को बदमाशों के हमले में घायल हुए बाड़मेर के आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम का हालचाल जानने के लिए जोधपुर के एमडीएम अस्पताल जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘परिजन उनके इलाज से संतुष्ट हैं। अमराराम को मुख्यमंत्री सहायता कोष से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘घटना के दिन से ही बाड़मेर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से लगातार जानकारी ली जा रही है। अब घटना की जांच सीआईडी-सीबी से कराने के निर्देश दिए हैं।’’
इसके साथ ही गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरटीआई कार्यकर्ताओं, व्हिसिलब्लोअर, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं सिविल सोसाइटी के संरक्षण हेतु बनाए गए सूचना प्रदाता संरक्षण अधिनियम, 2011 के नियम बनाने का अनुरोध किया है।
गहलोत के अनुसार, ‘‘यह विधेयक 21 फरवरी 2014 को राज्यसभा में पारित हुआ। 9 मई 2014 को राष्ट्रपति महोदय ने इसपर हस्ताक्षर किए। लेकिन सात साल बाद भी केन्द्र सरकार ने इस अधिनियम के नियम नहीं बनाए हैं।’’
मुख्यमंत्री के अनुसार, उन्होंने पत्र में, ‘‘प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द इस के नियम बनाए जाएं ताकि कार्यकर्ताओं, व्हिसिलब्लोअर, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि को संरक्षण मिल सके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।’’
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के बाड़मेर जिले के गिड़ा इलाके में मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम के साथ बेरहमी से मारपीट की गई और उनके पैरों में कील ठोंकी गई। पुलिस ने इस मामले में अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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