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सीआईसी ने 12 दिसंबर 2018 की शीर्ष अदालत कॉलेजियम की बैठक का ब्योरा मांगने वाली अपील खारिज की

By भाषा | Updated: December 20, 2021 22:37 IST

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नयी दिल्ली,20 दिसंबर केंद्रीय सूचना आयोग ने 12 दिसंबर, 2018 के उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की बैठक के एजेंडे की मांग करने वाली एक आरटीआई अपील को खारिज कर दिया है। इसका उल्लेख भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपनी हालिया आत्मकथा में किया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की आत्मकथा ‘जस्टिस फॉर द जज’ के मुताबिक राजस्थान उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन के नामों को 12 दिसंबर 2018 को कॉलेजियम की बैठक में शीर्ष न्यायालय में पदोन्नत किये जाने की मंजूरी दी गई थी।

पुस्तक में कहा गया है कि यह विषय कथित तौर पर लीक हो गया, जिसके बाद न्यायमूर्ति गोगोई ने 15 दिसंबर 2018 को शीतकालीन अवकाश शुरू हो जाने के चलते जनवरी 2019 तक इस विषय को स्थगित रखा।

न्यायमूर्ति मदन लोकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद जनवरी 2019 में एक नये कॉलेजियम का गठन किया गया।

पुस्तक के मुताबिक, नये कॉलेजियम ने 10 जनवरी 2019 के अपने प्रस्ताव में शीर्ष न्यायालय में पदोन्नति के लिए न्यायमूर्ति नंदराजोग और न्यायमूर्ति मेनन के नामों को मंजूरी नहीं दी।

कॉलेजियम की 12 दिसंबर 2018 की बैठक के एजेंडा और फैसले को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने सूचना का अधिकार कानून के तहत शीर्ष न्यायालय में आरटीआई अर्जी दायर कर 12 दिसंबर 2018 की बैठक के एजेंडा, फैसलों और पारित प्रस्तावों की प्रतियां देने का अनुरोध किया।

उच्चतम न्यायालय के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने न्यायाधीशों की नियुक्ति जैसे मुद्दों के खुलासे पर शीर्ष न्यायालय की रोक का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरटीआई कानून की धारा 8(1)(बी) के तहत मिली छूट का भी हवाला दिया।

इसके बाद भारद्वाज ने उच्चतम न्यायालय के प्रथम अपीलीय प्राधिकार के आदेश को चुनौती देते हुए केंद्रीय सूचना आयोग का रुख किया था।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद, मुख्य सूचना आयुक्त वाई.के. सिन्हा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि 12 दिसंबर 2018 की बैठक के निष्कर्षों पर 10 जनवरी 2019 की बैठक के प्रस्ताव में चर्चा की गई थी, इसलिए विषय में आयोग के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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