'चिराग ने मंत्री बनने की परवाह नहीं की, बिहार के फायदे के लिए स्वतंत्र रूप से लड़ा विस चुनाव'

By भाषा | Updated: October 23, 2021 15:40 IST2021-10-23T15:40:10+5:302021-10-23T15:40:10+5:30

'Chirag did not care to become a minister, independently fought elections for the benefit of Bihar' | 'चिराग ने मंत्री बनने की परवाह नहीं की, बिहार के फायदे के लिए स्वतंत्र रूप से लड़ा विस चुनाव'

'चिराग ने मंत्री बनने की परवाह नहीं की, बिहार के फायदे के लिए स्वतंत्र रूप से लड़ा विस चुनाव'

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के करीबी सहयोगी सौरभ पांडेय ने शनिवार को कहा कि उन्होंने (चिराग) केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार में मंत्री बनने की परवाह नहीं की और उन्होंने बिहार के भले के लिए विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा था।

पांडेय ने यह भी कहा कि चिराग अब अपने आप में एक नेता के तौर पर उभर कर सामने आए हैं। चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली पार्टी ने मूल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में विभाजन के लिए चिराग की पांडेय से निकटता को दोषी ठहराया है।

पांडेय ने पारस को एक सार्वजनिक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि लोजपा को भाजपा-जनता दल (यू) गठबंधन के हिस्से के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ 15 सीटों की पेशकश की गयी थी। उन्होंने दावा किया कि पारस भी इस समझौते के खिलाफ थे और तब चिराग ने "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" एजेंडे पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया।

पांडेय ने कहा कि लोजपा केवल एक ही सीट जीत सकी, लेकिन उसने कई सीटों पर जद (यू) की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। लोजपा को जो भी वोट मिले, उसे उसके एजेंडे के लिए मिले, जबकि केवल चुनाव जीतने के लिए राज्य में गठबंधन बने थे।

पांडेय ने लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए कहा कि विधायक और सांसद हजारों की संख्या में हैं, लेकिन नेता कुछ ही हैं तथा दिवंगत दलित नेता के पुत्र चिराग अब अपने आप में एक नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं।

पारस को पार्टी को विभाजित करने के लिए लोजपा के छह में से पांच सांसदों का समर्थन मिला था और चुनाव आयोग ने उनके नेतृत्व वाले धड़े को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नाम दिया है।

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Web Title: 'Chirag did not care to become a minister, independently fought elections for the benefit of Bihar'

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