लद्दाख: भारतीय सीमा में 6 किमी अंदर तक घुसे चीनी सैनिक, झंडा लहराया, अभी भी मौजूद हैं दो टेंट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 13, 2019 08:29 AM2019-07-13T08:29:29+5:302019-07-13T08:29:29+5:30

यह पहला मौका नहीं है, जब चीन ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की है. यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक नाले के पास अभी भी चीन के दो टेंट लगे हुए हैं. अगस्त 2018 में चीन ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की थी और कई टेंट लगा लिए थे.

Chinese soldiers cross LAC, enter Demchok sector in Ladakh | लद्दाख: भारतीय सीमा में 6 किमी अंदर तक घुसे चीनी सैनिक, झंडा लहराया, अभी भी मौजूद हैं दो टेंट

ये सैनिक सैन्य वाहनों में भरकर भारतीय सीमा में आए और चीनी झंडा लहराया.

डोकलाम गतिरोध के दो साल बाद चीन की सेना ने एक बार फिर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में पूर्वी डेमचोक इलाके में 6 किमी अंदर तक घुसपैठ की और अपना झंडा लहराया. डेमचोक की सरपंच उरगेन ने चीन की सेना के घुसपैठ की पुष्टि की है.

उन्होंने बताया कि ये सैनिक सैन्य वाहनों में भरकर भारतीय सीमा में आए और चीनी झंडा लहराया. डेमचोक में घुसपैठ का मकसद कुछ और नजर आ रहा है. गौरतलब है कि चीन की सेना ने ऐसे समय पर घुसपैठ की है, जब स्थानीय निवासी तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे हैं.

यह पहला मौका नहीं है, जब चीन ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की है. यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक नाले के पास अभी भी चीन के दो टेंट लगे हुए हैं. अगस्त 2018 में चीन ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की थी और कई टेंट लगा लिए थे. भारत के विरोध के बाद उसने कई टेंट हटा लिए लेकिन अभी भी दो टेंट मौजूद हैं. यही नहीं चीन ने सीमा के उस पार बड़ी संख्या में सड़कें बना ली हैं और आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है.

भारत पर दबाव बढ़ाना चाहता है ड्रैगन
रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस तरह की गतिविधि को बार-बार अंजाम देकर भारत पर दबाव बढ़ाना चाहता है ताकि अगर कभी बातचीत हो तो उस समय इस क्षेत्र पर अपना दावा कर सके. चीन कह सकता है कि वहां चीन का झंडा है और उसका टेंट है, ऐसे में यह इलाका उसका है.

घुसपैठ वुहान शिखर सम्मेलन की भावनाओं के खिलाफ चीनी सेना का यह कदम वुहान शिखर सम्मेलन की भावनाओं के खिलाफ है. डेमचोक की सरपंच उरगेन ने बताया कि पिछले कई साल से वे लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि चीन के सैनिक यहां तक आए हैं. यह इलाका लद्दाख में भारत और चीन के बीच अंतिम रिहायशी इलाका है.

तिब्बत में हिरासत शिविर की खबरों का ड्रैगन ने किया खंडन 
चीन ने शुक्रवार को तिब्बत में शिनजियांग-जैसे विशाल हिरासत शिविर बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है. निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रमुख लोबसांग सांगे ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि तिब्बत में ऐसे हिरासत शिविर मौजूद हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''इस रिपोर्ट में जो कुछ बताया गया है वह असत्य है.'' इस बीच, अशांत शिनजियांग के शिविरों में जहां तुर्की मूल के 110 लाख ऊइगुर मुसलमान रहते हैं, को लेकर चीन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

Web Title: Chinese soldiers cross LAC, enter Demchok sector in Ladakh

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