महाराष्ट्र में कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को पांच लाख रुपये की सावधि जमा राशि, मासिक सहायता मिलेगी
By भाषा | Updated: June 2, 2021 21:17 IST2021-06-02T21:17:01+5:302021-06-02T21:17:01+5:30

महाराष्ट्र में कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को पांच लाख रुपये की सावधि जमा राशि, मासिक सहायता मिलेगी
मुंबई, दो जून महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि ऐसे अनाथ बच्चों के नाम पांच लाख रुपये सावधि जमा किए जाएंगे जिनके माता-पिता में से कम से कम किसी एक की कोविड-19 की वजह से मौत हुई है। इन बच्चों को 1,125 रुपये का मासिक भत्ता भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि राज्य में ऐसे 162 बच्चे हैं जिनके माता-पिता दोनों का निधन हो गया है और उनमें से कम से कम एक का निधन महामारी के कारण हुआ है। इस तरह के नौ बच्चे सरकारी संस्थाओं में रह रहे हैं क्योंकि उनकी देखभाल करने के लिए कोई रिश्तेदार नहीं है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि लाभार्थियों को 21 साल का होने पर सावधि जमा की राशि ब्याज सहित मिलेगी।
यह सहायता केंद्र सरकार द्वारा घोषित सहायता के अतिरिक्त होगी।
सावधि जमा राशि लाभार्थी बच्चे और स्थानीय महिला एवं बाल विकास अधिकारी के संयुक्त नाम पर होगी।
इस योजना के तहत 18 साल की उम्र तक का ऐसा कोई भी बच्चा लाभार्थी होगा जिसके माता-पिता दोनों की एक मार्च 2020 के बाद महामारी से मौत हुई हो, या माता-पिता में से एक की मौत कोविड-19 की वजह से और दूसरे की मौत (कोविड-19 से पहले या बाद में) किसी अन्य कारण से हुई हो।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि किसी अनाथ बच्चे की देखभाल के लिए उसके रिश्तेदार को 1,125 रुपये का मासिक भत्ता भी मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राशि को बढ़ाकर 2,500 रुपये तक करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की कोविड-19 की वजह से मौत हुई और माता-पिता में से एक जीवित हैं, ऐसे बच्चे भी मासिक भत्ते के पात्र होंगे, लेकिन उन्हें सावधि जमा का लाभ नहीं मिलेगा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में ऐसे 5,172 बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से किसी एक की कोविड-19 की वजह से मौत हुई है और उनके माता-पिता में से एक जीवित है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।