बेंच पर प्रसव प्रकरण: परिजनों व ग्रामीणों ने मिलकर उप स्वास्थ्य केंद्र पर जड़ा ताला
By भाषा | Updated: July 26, 2021 22:46 IST2021-07-26T22:46:21+5:302021-07-26T22:46:21+5:30

बेंच पर प्रसव प्रकरण: परिजनों व ग्रामीणों ने मिलकर उप स्वास्थ्य केंद्र पर जड़ा ताला
जींद (हरियाणा), 26 जुलाई जींद जिले के सबसे बड़े गांव मुआना के उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई गर्भवती महिला द्वारा डाक्टर एवं स्टाफ ना मिलने पर अस्पताल के बैंच पर ही बच्चे को जन्म देने और नवजात बच्चे की मौत के अगले दिन सोमवार को परिजनों और ग्रामीणों ने केंद्र के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पुलिस ने ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण नहीं माने। उसके बाद एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा, डीएसपी नीतिश कुमार, नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा एव सिटी एसएचओ रामकुमार मौके पर पहंचे। काफी कशमकश के बावजूद अधिकारी ग्रामीणों को मना पाने में कामयाब नहीं हुए और बैरंग लौट आए। ग्रामीणों ने अधिकारियों को साफतौर पर कहा कि जब तक आरोपी डाक्टर व स्टाफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उन्हे गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक वे अस्पताल का ताला नहीं खोलेंगे।
तालाबंदी के दौरान आरपीआई पार्टी कार्यकर्ता उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील गहलावत के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पूतला फूंका। परिजनों ने अस्पताल के डाक्टर एवं कर्मियों के खिलाफ सफीदों थाने में शिकायत भी दी है। परिवार के लोगों का आरोप था कि उप स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों व स्वास्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनके नवजात बच्चे की जान गई है और बच्चे की मां जिंदगी और मौत से जूझ रही है। उनका कहना है कि अगर मौके पर डाक्टर एवं कर्मी होते तो उनके बच्चे की जान बच सकती थी।
मृत नवजात शिशु को पोस्टमार्टम के लिए सफीदों के नागरिक अस्पताल से पीजीआई रोहतक भेजा गया। पीजीआई रोहतक में पोस्टमार्टम ना होने की स्थिति में बच्चे को अब पीजीआई खानपुर भेजा गया है। बच्चे की मां कृष्णा को नागरिक अस्पताल सफीदों से छुट्टी देकर घर पर भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार दोपहर करीब एक बजे मुआना गांव निवासी कुलदीप की पत्नी कृष्णा को प्रसव की तकलीफ हुई। कुलदीप अपनी पत्नी कृष्णा को गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया। जब वे वहां पर पहुंचे तो उन्हें वहां पर न तो कोई डॉक्टर, और न ही नर्स और कोई अन्य स्वास्थ्य कर्मी मिला। वहां पर केवल दो सफाई कर्मचारी मिले। गर्भवती महिला को अस्पताल के बेंच पर लिटाया गया और वह प्रसव दर्द से करीब तीन घंटे तक तड़पती रही और जद्दोजहद के बाद महिला ने बैंच पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और कुछ ही देर में पैदा हुए बच्चे की मौत हो गई।
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