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चर्चा के बाद छत्तीसगढ़ का बजट पारित

By भाषा | Updated: March 10, 2021 00:34 IST

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रायपुर, नौ मार्च छत्तीसगढ़ विधानसभा ने मंगलवार को वर्ष 2021—22 का बजट पारित कर दियाया।

विधानसभा में मंगलवार को वर्ष 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक पारित हो गया। मुख्यमंत्री ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कहा कि वर्ष 2021-22 का बजट हमारी आंतरिक शक्ति को बढ़ाने वाला और हमारी दीर्घकालीन रणनीतियों की आरंभिक कड़ी है। उनका कहना था कि इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में अपने संसाधनों की रक्षा और सदुपयोग का नया अध्याय लिखा जाएगा। यह बजट पोस्ट कोविड दुनिया में छत्तीसगढ़ की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने का माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के बजट में राज्य सरकार ने गरीबों, किसानों सहित सभी वर्गों के लिए न्याय की व्यवस्था करने का प्रयास किया है, अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के बाद इस बजट में कृषि श्रमिकों के लिए भी नवीन न्याय योजना ला रहे हैं, जिससे गरीबों को भी न्याय मिले।

बघेल ने कहा कि 2021-22 के विनियोग का आकार (कुल व्यय) एक लाख पांच हजार 213 करोड़ रुपए का है जिसमें शुद्ध व्यय 97 हजार 106 करोड़, राजस्व व्यय 83 हजार 27 करोड़ तथा पूंजीगत व्यय 13 हजार 839 करोड़ रुपए है। जबकि कुल प्राप्तियां 97 हजार 145 करोड़ रुपए, राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 325 करोड़, पूंजीगत प्राप्तियां 17 हजार 820 करोड़ रूपए है।

वित्तीय संकेतक के अनुसार राजस्व घाटा तीन हजार 702 करोड़ और वित्तीय घाटा 17 हजार 461 करोड़ रुपए है।

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान कहा कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर्स के नाम से विशेष पुलिस बल का गठन किया जाएगा तथा इसके लिए दो हजार 800 नवीन पदों की स्वीकृति के लिए बजट में 92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उनके अनुसार बल में अंदरुनी ग्रामों के स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी । उनका कहना था कि उनके अंदरूनी क्षेत्र और जंगल की जानकारी का लाभ नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस बल को मिले, इस उद्देश्य से विशेष बल का गठन किया जा रहा है।

बघेल ने कहा कि राज्य में कौशल्या मातृत्व योजना के अंतर्गत द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर महिलाओं को पांच हजार रुपए की एक-मुश्त सहायता दी जाएगी तथा राजीव किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार कर ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों के लिए नवीन न्याय योजना प्रारंभ की जाएगी।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी कला, शिल्प, वनोपज, कृषि और अन्य सभी प्रकार के उत्पादों तथा व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए सी-मार्ट स्टोर की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन को छत्तीसगढ़ में कृषि का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि परंपरागत ग्रामीण व्यावसायिक कौशल को पुनर्जीवित करने चार नये विकास बोर्ड तेलघानी, चर्म शिल्पकार, लौह शिल्पकार एवं रजककार विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा।

चर्चा के दौरान मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। बघेल ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है तथा वह चर्चा से भाग रहे हैं।

चर्चा के बाद विनियोग विधेयक को पारित कर दिया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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