चेन्नई मेट्रो के पास बिना मास्क वाले यात्रियों पर जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं: उच्च न्यायालय
By भाषा | Updated: November 11, 2021 20:22 IST2021-11-11T20:22:34+5:302021-11-11T20:22:34+5:30

चेन्नई मेट्रो के पास बिना मास्क वाले यात्रियों पर जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं: उच्च न्यायालय
चेन्नई, 11 नवंबर मद्रास उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया कि चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (सीएमआरएल) के पास बिना मास्क वाले यात्रियों पर जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है और ऐसे व्यक्तियों से जुर्माना के रूप में 200 रुपये की राशि वसूलने तथा एकत्र करने संबंधी सीएमआरएल का आदेश रद्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पी डी ऑडिकेसवालु की पीठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संदर्भ में दिया गया आदेश जनहित में जारी किया गया हो सकता है और इसकी मंशा अच्छी रही होगी। लेकिन, सीएमआरएल के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। पीठ ने कहा कि सबसे अच्छे इरादे वाली कार्रवाई, कानून के अधिकार द्वारा समर्थित नहीं है।
जुर्माने की वसूली गयी राशि संबंधित व्यक्तियों को वापस करने के संबंध में पीठ ने सीएमआरएल को इसे अपने पास रखने की अनुमति दे दी क्योंकि यह राशि 87,000 रुपये ही थी। पीठ ने कहा कि उन व्यक्तियों की पहचान करना भी लगभग असंभव होगा जिन पर जुर्माना लगाया गया था। संभवत: ऐसे व्यक्ति भी अब इसे वापस लेने में दिलचस्पी नहीं लेंगे।
अदालत ने आर मुथुकृष्णन की एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। इस याचिका में इस साल 10 अप्रैल को सीएमआरएल की एक प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती दी गई थी। विज्ञप्ति में 11 अप्रैल से मास्क नहीं लगाने वाले यात्रियों पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की गई थी।
पीठ ने कहा कि राज्य के पास जुर्माना लगाने का अधिकार है तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि सीएमआरएल भी इसे लागू कर सकता है, भले ही इसके पीछे अच्छी मंशा रही हो।
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