चन्नी को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति, उपमुख्यमंत्री को पुलिस ने ‘हिरासत’ में लिया

By भाषा | Updated: October 4, 2021 22:26 IST2021-10-04T22:26:45+5:302021-10-04T22:26:45+5:30

Channi did not get permission to go to Lakhimpur Kheri, Deputy Chief Minister was 'detained' by the police | चन्नी को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति, उपमुख्यमंत्री को पुलिस ने ‘हिरासत’ में लिया

चन्नी को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति, उपमुख्यमंत्री को पुलिस ने ‘हिरासत’ में लिया

चंडीगढ़, चार अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जबकि उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और कांग्रेस के कुछ विधायकों को हरियाणा- उत्तर प्रदेश सीमा के पास रोकने के बाद उन्हें ‘‘हिरासत’’ में ले लिया गया।

इस बीच चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह उत्तर प्रदेश सरकार से कहें कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए वह कदम उठाए। इस सिलसिले में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को यहां एक ज्ञापन सौंपा गया। चन्नी ने घटना की निंदा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

घटना के विरोध में पंजाब और हरियाणा में किसानों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किए और विरोध मार्च निकालते हुए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग की।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के कई विधायकों के सथ पंजाब में राजभवन के बाहर लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।

आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने भी कहा कि वे उत्तर प्रदेश के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री को अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस धारा के तहत पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी रहती है।

एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब नागरिक उड्डयन निदेशक ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को लखीमपुर खीरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने देने के संबंध में पत्र लिखा था। अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सचिव (गृह) ने पंजाब नागरिक उड्डयन निदेशक को सूचित किया कि मौजूदा कानून-व्यवस्था के मद्देनजर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को यहां पहुंचने की अनुमति देना उचित नहीं है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर यात्रा से पहले रविवार को हुई हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में किसान और भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं। चन्नी की योजना लखीमपुर खीरी जाकर मृत किसानों के परिवारों से मिलने की थी।

इस बीच उपमुख्यमंत्री रंधावा और कांग्रेस के कुछ विधायकों को हरियाणा-उत्तर प्रदेश की सीमा पर रोक दिया गया। रंधावा के काफिले को रोक दिया गया जिसके बाद वह और पार्टी के विधायक विरोध में सड़क पर ही बैठ गए। सड़क से हटाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें ‘‘हिरासत’’ में ले लिया।

पंजाब सरकार ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें सहारनपुर में शाहजहांपुर थाने ले जाया गया।

रंधावा एवं विधायकों को हिरासत में लिए जाने पर चन्नी ने पूछा कि कांग्रस नेताओं को उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है।

चन्नी ने ट्वीट में कहा, ‘‘ हमारे उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायकों को उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा पर हिरासत में लिया गया। मैं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिखाई जा रही इस तरह की निरंकुशता की निंदा करता हूं।’’

पंजाब में गृह विभाग भी संभाल रहे रंधावा के साथ कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा, विधायक कुलबीर जीरा, अंगद सैनी, परमिंदर सिंह पिंकी, कुलदीप वैद और बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा थे।

उन्होंने लखीमपुर नहीं जाने देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की निंदा की। उप मुख्यमंत्री ने इस घटना को किसानों का ‘नरसंहार’ करार दिया और इसकी तुलना 1919 के जलियांवाला बाग की घटना से की। दिन में उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा के मद्देनजर लखनऊ हवाईअड्डा प्राधिकरण को पंजाब के उप मुख्यमंत्री से राज्य नहीं आने देने का आग्रह करने को कहा।

पंजाब की विपक्षी पार्टियों-आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल- ने भी उत्तर प्रदेश में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा की है।

इस बीच, पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से लखीमपुर खीरी घटना की जांच कराए जाने की मांग की। नाभा ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को तत्काल छोड़े जाने की मांग की। इन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है।

अधिकारियों ने बताया है कि मृतकों में से चार कार में सवार व्यक्ति थे, जो कि प्रत्यक्ष तौर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे। ऐसे आरोप हैं कि इनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि चार अन्य किसान थे।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और कई अन्य के खिलाफ हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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