लोगों में पुलिस की नकारात्मक धारणा को बदलें : मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से कहा

By भाषा | Updated: July 31, 2021 16:05 IST2021-07-31T16:05:23+5:302021-07-31T16:05:23+5:30

Change people's negative perception of police: Modi to IPS probationers | लोगों में पुलिस की नकारात्मक धारणा को बदलें : मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से कहा

लोगों में पुलिस की नकारात्मक धारणा को बदलें : मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से कहा

नयी दिल्ली, 31 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के परिवीक्षार्थियों (प्रोबेशनर्स) से कहा कि उनके प्रत्येक कार्य में ‘‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’’ की भावना दिखनी चाहिए और उन्हें लोगों की पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा को बदलने के लिए भी काम करना चाहिए।

मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से अनुरोध किया कि वे फील्ड में रहते हुए जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, ’’आपको हमेशा याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक हैं।’’

प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस परिवीक्षार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसलिए आपके हर कार्य में राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना दिखनी चाहिए।’’

मोदी ने कहा कि लोगों के बीच पुलिस की नकारात्मक धारणा अपने आप में एक ‘‘बड़ी चुनौती’’ है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की शुरुआत के दौरान यह धारणा थोड़ी बदली जब लोगों ने पुलिसकर्मियों को मदद करते हुए देखा, लेकिन हालात अब फिर से पुरानी धारणा वाले हो गए हैं।

इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने लोगों के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की विश्वसनीयता और साफ छवि का हवाला दिया और पूछा कि क्या समाज में पुलिस के प्रति भी ऐसी ही भावना है। उन्होंने कहा, ‘‘आप जवाब जानते हैं। लोगों में मन में पुलिस की यह नकारात्मक धारणा एक बहुत बड़ी चुनौती है...हमारे पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और आतंकवाद से लड़ाई के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। वे कई दिनों तक घर नहीं जाते, वे त्योहारों पर भी घर नहीं जा पाते लेकिन जब पुलिस की छवि की बात आती है तो लोगों की धारणा अलग है।’’

मोदी ने कहा कि पुलिस बल में आ रही नयी पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि वह इस छवि को बदले और पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा दूर हो जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 75 वर्षों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है और हाल के वर्षों में पुलिस प्रशिक्षण से जुड़े बुनियादी ढांचे में भी काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘1930 और 1947 के बीच देश के युवा जिस तरीके से देश में सामने आए, पूरी युवा पीढ़ी एक लक्ष्य के लिए एकजुट हो गयी, आज आपसे ऐसे ही भावना की उम्मीद है। लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में ‘स्वराज’ के लिए लड़ाई लड़ी, आज आपको खुद को ‘सुराज’ के प्रति समर्पित करना होगा। आप अपना करियर ऐसे समय में शुरू कर रहे हैं जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर में बदलाव के दौर से गुजर रहा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।’’

उन्होंने तकनीकी बाधाओं के इस दौर में पुलिस को तैयार रहने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि और अधिक नवोन्मेषी तरीकों से अपराध के नए रूपों को रोकने की चुनौती है।

उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया गया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि महिलाएं पुलिस सेवा में कार्यक्षमता और जवाबदेही के साथ विनम्रता, सहजता और संवेदनशीलता के मूल्यों को सशक्त करेंगी।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में आयुक्त प्रणाली लाने पर भी काम कर रहे हैं। 16 राज्यों के कई शहरों में यह प्रणाली पहले ही शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रणाली को प्रभावी और भविष्य के अनुकूल बनाने के लिए सामूहिक तथा संवेदनशील तरीके से काम करना महत्वपूर्ण है।

महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पुलिस बल के सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को याद किया।

कुछ पड़ोसी देशों के पुलिस अधिकारियों के भी इस प्रशिक्षण का हिस्सा होने पर मोदी ने कहा, ''यह इन देशों के साथ करीबी और गहरे संबंध को दिखाता है। उन्होंने कहा कि भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो या मॉरिशस हो, हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा या विपत्ति आती है तो सबसे पहले हम ही एक-दूसरे की मदद करते हैं। कोरोना काल में भी यह देखा गया।’’

मोदी ने कार्यक्रम के दौरान परिवीक्षार्थियों से भी बातचीत की और उन्हें कई सुझाव दिए। उन्होंने हरियाणा की एक महिला अधिकारी रंजीता शर्मा को अपनी तैनाती वाले स्थान पर बालिका विद्यालयों में हर हफ्ते एक घंटा छात्रों को देने की सलाह भी दी। शर्मा को राजस्थान कैडर आवंटित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

हैदराबाद स्थित यह अकादमी देश में पुलिस प्रशिक्षण का प्रमुख संस्थान है। यह शुरुआती स्तर पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षण देती है।

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Web Title: Change people's negative perception of police: Modi to IPS probationers

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