Chandrayaan 3 New Image: कैसा दिख रहा लैंडर ‘विक्रम’, चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने ली फोटो, अंधेरे में कुछ यूं दिख रहा, देखें
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 9, 2023 15:49 IST2023-09-09T15:47:38+5:302023-09-09T15:49:58+5:30
Chandrayaan 3 New Image: 6 सितंबर 2023 को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर लगे डुअल- फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार (डीएफएसएआर) उपकरण ने चंद्रयान-3 लैंडर की एक छवि ली है।

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Chandrayaan 3 New Image: चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ की एक तस्वीर जारी की है। चंद्र निगरानी कक्षीय (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने खींचा है। अंधेरे में कैसा दिख रहा है। 6 सितंबर 2023 को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर लगे डुअल- फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार (डीएफएसएआर) उपकरण ने चंद्रयान-3 लैंडर की एक छवि ली है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) September 9, 2023
Here is an image of the Chandrayaan-3 Lander taken by the Dual-frequency Synthetic Aperture Radar (DFSAR) instrument onboard the Chandrayaan-2 Orbiter on September 6, 2023.
More about the instrument: https://t.co/TrQU5V6NOqpic.twitter.com/ofMjCYQeso
फोटो में आप देख सकते हैं कि सतह नीले, हरे और गहरे काले है। बीच-बीच में गहरे पीले भी दिख रहा है। तीन तस्वीरें ली गई हैं। इसरो का चंद्रयान-3 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किलोमीटर दूर उतरा था। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर ली है।
सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि अब चंद्रयान के पेलोड निष्क्रय हो गए हैं। इसरो ने कहा कि सफल ‘होप’ परीक्षण में विक्रम लैंडर को एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर उतारा गया और इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को भविष्य के चंद्र मिशनों में मदद मिलेगी।
इसरो ने कहा था, ‘‘सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा। उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है।’’ इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा की रात में निष्क्रिय हो जाएंगे।
भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।