Chandrayaan-3 की पल-पल की अपडेट के लिए इस लिंक से देखें लाइव लोकेशन, खुद करें लाइव ट्रैकिंग
By अंजली चौहान | Updated: August 23, 2023 16:19 IST2023-08-23T16:18:40+5:302023-08-23T16:19:45+5:30
चंद्रमा पर विक्रम लैंडर मॉड्यूल की ऐतिहासिक लैंडिंग में चार घंटे से भी कम समय बचा है, दुनिया भर में भारतीय मिशन के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। अंतरिक्ष यान बुधवार शाम करीब 6:04 बजे चंद्रमा पर उतरने वाला है।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
Chandrayaan-3:चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग पर आज पूरे विश्व की निगाहें टिकी हुई है। हर भारतीय इसरोचंद्रमा मिशन चंद्रयान 3 स्थिति की के बारे में जानने को उत्सुक है। आज शाम छह बजकर चार मिनट पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।
भारत का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरेगा। यह वक्त बहुत नाजुक है जिसका हर भारतीय को इतंजार हैं। ऐसे में आपको चंद्रयान की पल पल की खबर देने के लिए हम आपके लिए लाइव ट्रैंकर की सहायता लाए हैं। इसके जरिए आप चंद्रयान 3 को देख सकते हैं।
यहां देखें चंद्रयान की लाइव स्ट्रीमिंग
इसरो के मिशन चंद्रयान-3 की लैडिंग को लाइव इसरो की आधिकारिक वेबसाइट isro.gov.in के जरिए देखा जा सकता है। इसके अलावा आप इसरो के फेसबुक वेबसाइट और यूट्यूब के जरिए भी देख सकते हैं।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 22, 2023
The mission is on schedule.
Systems are undergoing regular checks.
Smooth sailing is continuing.
The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrY
चंद्रयान-3 का लाइव स्टेटस
इसरो की आधिकारिक वेबसाइट isro.gov.in की ताजा जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान 3 चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा 1455 किमी पर पहुंच गया है और अब चंद्रमा के निकटतम बिंदु पर परिक्रमा कर रहा है जो कि 30 किलोमीटर है।
चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए इसरो अब चंद्रयान 3 की गति को बढ़ा रहा है। यह अब इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण समय है क्योंकि चंद्रयान 3 को लैंडिंग करते समय रोवर को चंद्रमा की सतह के समानांतर होना चाहिए और इसे कुछ किलोमीटर तक चंद्रमा की सतह पर 90 डिग्री तक चलाया जा सकता है और इसे नियंत्रित करने के लिए बहुत कठिन समय होगा।
लैंडिंग के बाद क्या होगा?
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की हल्की लैंडिंग के बाद, रोवर लैंडर के निचले हिस्से से उतरने और उसके पार्श्व पैनलों में से एक का उपयोग करके चंद्र इलाके पर अपना रास्ता बनाने के लिए तैयार है।
चंद्रमा की सतह के नजदीक अपने ऑनबोर्ड इंजनों के प्रज्वलन के परिणामस्वरूप लैंडर को चंद्रमा की धूल की बाधा का सामना करना पड़ सकता है।