चंद्रयान-2 कहानी का अंत नहीं, चांद पर फिर होगी सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश: इसरो चीफ

By भाषा | Updated: November 2, 2019 17:29 IST2019-11-02T17:29:04+5:302019-11-02T17:29:04+5:30

आईआईटी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान के. सिवन से जब पूछा गया कि क्या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग का फिर से प्रयास करेगा, तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर।’

Chandrayaan 2 story is not still at end, will try again landing in near future on moon says ISRO chief | चंद्रयान-2 कहानी का अंत नहीं, चांद पर फिर होगी सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश: इसरो चीफ

चांद पर उतरने की फिर करेंगे कोशिश, अभी कहानी खत्म नहीं: के. सिवन (फाइल फोटो)

Highlightsआईआईटी दिल्ली के कार्यक्रम में इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा- फिर करेंगे चांद पर उतरने की कोशिश'निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अपने सारे अनुभव का इस्तेमाल इसरो करेगा'

इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-दो के साथ चंद्रमा पर फतह हासिल करने की देश की कोशिशों की दास्तान खत्म नहीं हो गयी है और अंतरिक्ष एजेंसी निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने राष्ट्रीय राजधानी आए सिवन ने कहा कि आने वाले महीनों में कई उन्नत उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे।

सिवन ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'आप सबने चंद्रयान-दो मिशन के बारे में सुना है। प्रौद्योगिकी के लिहाज से हम सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब नहीं हो पाए लेकिन चंद्रमा की सतह से 300 मीटर तक सभी सिस्टम चलता रहा।' 

उन्होंने कहा, 'चीजें सही करने के लिए अत्यंत मूल्यवान डेटा उपलब्ध हैं। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि इसरो चीजों को सही करने और निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अपने सारे अनुभव, ज्ञान और तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करेगा।' 

सिवन से जब पूछा गया कि क्या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग का फिर से प्रयास करेगा, तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर।’ इसरो प्रमुख ने कहा, 'चंद्रयान-दो कहानी का अंत नहीं है। हमारी योजनाओं में आदित्य एल-1 सौर मिशन, इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के कार्यक्रम पर काम चल रहा है। आने वाले महीनों में कई उन्नत उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे।' 

उन्होंने कहा कि दिसंबर या जनवरी में छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) छोड़ा जाएगा। 200 टन वाले सेमीक्रायो इंजन पर जल्द काम शुरू होना है, मोबाइल फोन पर नाविक सिग्नल प्रदान करने पर काम हो रहा है। आईआईटी को भारत में तकनीकी शिक्षा का पावन स्थान बताते हुए सिवन ने कहा कि जब तीन दशक पहले आईआईटी बंबई से वह स्नातक हुए थे तो आज की तरह रोजगार का परिदृश्य इतना जीवंत नहीं था।

इसरो प्रमुख ने छात्रों को समझदारी से करियर का विकल्प चुनने की सलाह दी। उन्होंने कहा, 'एक चीज याद रखिए केवल एक जिंदगी है और करियर के बहुत सारे विकल्प हैं। ऐसी इंडस्ट्री चुनिए जो आपकी दिलचस्पी और लगाव वाला हो। धन के लिए नौकरी चुनने की बजाए खुशी के लिए इसे चुनिए।' 

दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के पहले इसरो प्रमुख ने संस्थान में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ (एसटीसी) की स्थापना के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ एक करार पर दस्तखत किए। दीक्षांत समारोह में कुल 1217 स्नातकोत्तर और 825 स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान किए के जाने के साथ चुनिंदा पूर्व छात्रों को सम्मानित भी किया गया।

Web Title: Chandrayaan 2 story is not still at end, will try again landing in near future on moon says ISRO chief

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