लाइव न्यूज़ :

सुभाषिनी के लिए अपने पिता शरद यादव की राजनीतिक विरासत को बचाने की चुनौती

By भाषा | Updated: November 5, 2020 19:22 IST

Open in App

(रुद्र नारायण यादव और संजय सिन्हा)

बिहारीगंज (मधेपुरा), पांच नवंबर बिहार के मधेपुरा जिला के बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से पहली बार राजनीति में कदम रख रही कांग्रेस उम्मीदवार सुभाषिनी राज राव के समक्ष अपने पिता और दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव के राजनीतिक विरासत की रक्षा की चुनौती है। इस सीट पर उन्हें बहुकोणीय मुकाबला का सामना करना पड रहा है।

मधेपुरा लोकसभा सीट अंतर्गत आने वाले बिहारीगंज सीट पर बिहार विधानसभा के तीसरे चरण और अंतिम चरण के तहत सात नवंबर को मतदान होना है।

सुभाषिनी ने अपने पिता की आजमायी कर्मभूमि मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से राजनीति में अपना भाग्य आजमा रही हैं। उनके पिता शरद यादव चार बार मधेपुरा से सांसद रहे हैं, हालांकि पिछले दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

मध्य प्रदेश के मूल निवासी, शरद ने मंडल आयोग की रिपोर्ट के लेखक बी पी मंडल के सम्मान के रूप में उनकी जन्मस्थली मधेपुरा को अपने संसदीय सफर के लिए चुना था।

अन्य पिछड़ी जातियों को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाली मंडल आयोग की रिपोर्ट को वी पी सिंह सरकार ने केंद्र में लागू किया था, जिसमें शरद वरिष्ठ सदस्य थे।

शरद ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ और बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर 1990 में नौकरियों में कोटा की इस सिफारिश को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करने वाले "मंडल आंदोलन" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

73 वर्षीय शरद पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं और इसलिए उनकी बेटी उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इसबार के बिहार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी हैं।

निर्वाचन क्षेत्र में उनके चुनावी पोस्टर उन्हें सुभाषिनी 'शरद यादव' के रूप में पेश किया गया है।

बुधवार को बिहारीगंज में एक चुनावी रैली जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संबोधित किया था, में सुभाषिनी ने कहा, "यह मेरे पिता शरद यादव की कर्मभूमि है और पिछले 25-30 वर्षों में आपने उन्हें जिस तरह का समर्थन और स्नेह दिया है, वैसा ही आज भी महसूस कर सकती हूं। मैं आपकी उम्मीदवार हूं, आपकी बेटी हूं। मैं अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए आपकी सेवा करने के लिए यहाँ आयी हूँ।"

रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने शरद के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की, और लोगों से उनके लिए वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा, “बिहार चुनाव में मैंने किसी भी भाषण में यह नहीं कहा है।''

राहुल ने कहा, ‘‘आपको अपनी "बहन" के लिए वोट करना है। मैं आपसे गारंटी चाहता हूं कि आप शरद जी की बेटी को चुनाव जिताएंगे। मैं अपने लिए नहीं, आपके और शरद यादव जी के लिए कह रहा हूं, जो आपके नेता हैं।’’

हरियाणा के एक कांग्रेस परिवार में विवाहित सुभाषिनी राज राव बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई थीं और बिहारीगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा।

अपनी पहली चुनावी यात्रा में सुभाषिनी का बिहारीगंज में मुकाबला यहां दो बार से जदयू के विधायक निरंजन मेहता, लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार विजय कुमार सिंह और शरद के पुराने प्रतिद्वंदी मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी जनअधिकार पार्टी के प्रभाष कुमार के साथ है।

बिहारीगंज सीट से कुल 22 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं और 2019 की मतदाता सूची के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में 3,00,885 मतदाता हैं। जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार शरद यादव को हराकर मधेपुरा सीट से जीत हासिल की थी।

इस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचकों में यद्यपि यादव समुदाय भारी संख्या में हैं, लेकिन कुशवाहा और अति पिछड़ी जातियों जैसी अन्य पिछड़ी जातियों की भी महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

बिहारीगंज के निवर्तमान विधायक निरंजन मेहता कुशवाहा जाति से आते हैं पर लोजपा उम्मीदवार विजय कुमार सिंह के भी इस वर्ग का होने के कारण इस समुदाय के वोटों के बंटवारे की संभावना है।

सुभाषिनी के लिए भी जीत की राह बहुत आसान नहीं है क्योंकि जनअधिकार पार्टी के उम्मीदवार प्रभाष कुमार यादव जाति से आते हैं, जो पूर्व में लालू प्रसाद की पार्टी राजद में राज्य महासचिव के पद पर आसीन रह चुके हैं और बिहार के विपक्षी महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में चले जाने पर सुभाष राजद छोड़ पप्पू यादव के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए थे।

सुभाषिनी को विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद का पूर्ण समर्थन मिलने को लेकर आशंका जतायी जा रही है क्योंकि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राजद के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता एक "बाहरी व्यक्ति" को "पैराशूट उम्मीदवार" के रूप में मैदान में उतारे जाने पर खुश नहीं हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के दौरान पुराने महागठबंधन जिसमें कांग्रेस और राजद के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल थी, आपसी सीट बंटवारे में यह सीट जदयू के खाते में चले जाने के कारण कांग्रेस ने पिछले चुनाव में यहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था लेकिन 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में, पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर यहां तीसरे स्थान पर रही थीं।

2010 में लोजपा प्रत्याशी की पत्नी रेणु कुशवाहा ने बिहारगंज सीट पर जदयू के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। इस चुनाव में राजद के उम्मीदवार के तौर पर प्रभाष कुमार दूसरे स्थान पर रहे थे।

सुभाषिनी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी जदयू उम्मीदवार नीतीश कुमार के विकास मंत्र पर भरोसा कर रहे हैं और राजद के 15 साल के शासन में राज्य में "खराब" शासन और कानून व्यवस्था को भी उजागर कर रहे हैं।

नीतीश ने हाल ही में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और सुभाषिनी के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज किया।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत