केंद्र सरकार ने अपनी विफलताओं पर सवालों से बचने के लिए शीतकालीन सत्र रद्द किया है: माकपा
By भाषा | Updated: December 20, 2020 16:02 IST2020-12-20T16:02:58+5:302020-12-20T16:02:58+5:30

केंद्र सरकार ने अपनी विफलताओं पर सवालों से बचने के लिए शीतकालीन सत्र रद्द किया है: माकपा
नयी दिल्ली, 20 दिसम्बर माकपा ने कोविड-19 के मद्देनजर इस बार संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाये जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी ‘‘चौतरफा विफलताओं’’ पर जवाबदेही से बचने के लिए केन्द्र महामारी का इस्तेमाल बहाने के रूप में कर रहा है।
पार्टी पोलित ब्यूरो की एक बैठक के बाद यहां जारी एक बयान में माकपा ने ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ को भी रद्द करने की मांग की और कहा कि इस उद्देश्य के लिए आवंटित धनराशि का इस्तेमाल ‘‘हमारे जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन और नकद हस्तांतरण प्रदान करने के लिए किया जाये।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक बयान में कहा है, ‘‘पोलित ब्यूरो कोविड महामारी के बहाने संसद का शीतकालीन सत्र रद्द करने संबंधी फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करता है।’’
इसमें कहा गया है कि भाजपा को अपने चुनाव अभियान और रैलियां करने के समय महामारी से कोई समस्या नहीं है, लेकिन ‘‘संसद के प्रति जवाबदेह होने से बचने के लिए’’ उसने महामारी को चुना।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस तरह वह संसद के प्रति जवाबदेह होने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से बच रही है।’’
केन्द्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जायेगा।
बयान में ऐसे समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना की जरूरत पर सवाल उठाया गया है, जब देश महामारी से लड़ रहा है।
इसमें कहा गया है, ‘‘माकपा मांग करती है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को रद्द किया जाये। इसके लिए आवंटित धन का इस्तेमाल हमारे जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन और नकद हस्तांतरण प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए।’’
पार्टी ने तीन कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की अपनी मांग को दोहराया और इनके खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का स्वागत किया।
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