तमिलनाडु के और शहरों में नीट के लिए केंद्र बनेंगे, राज्य ने नीट रद्द करने की मांग की

By भाषा | Updated: July 15, 2021 20:24 IST2021-07-15T20:24:28+5:302021-07-15T20:24:28+5:30

Centers for NEET will be set up in more cities of Tamil Nadu, state demands cancellation of NEET | तमिलनाडु के और शहरों में नीट के लिए केंद्र बनेंगे, राज्य ने नीट रद्द करने की मांग की

तमिलनाडु के और शहरों में नीट के लिए केंद्र बनेंगे, राज्य ने नीट रद्द करने की मांग की

नयी दिल्ली/चेन्नई, 15 जुलाई तमिलनाडु के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यन ने बृहस्पतिवार को मांग की कि केंद्र राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) रद्द कर राज्यों को सभी पेशेवरों पाठ्यक्रमों में 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर प्रवेश की अनुमति दे।

कोविड-19 महामारी की वजह से 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है और तमिलनाडु ने कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रवेश देने की अर्हता की घोषणा कर दी है।

मंत्री ने केंद्र सरकार का आह्वान किया कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर नीट सहित सभी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए।

सुब्रमण्यन ने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की और नीट परीक्षा रद्द करने सहित तमिलनाडु से जुड़े विभिन्न मुद्दा पर चर्चा की।

बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘चर्चा के दौरान हमने अपनी मांगों के साथ अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एके राजन समिति की अनुशंसाओं की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने हमारी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है।’’

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की द्रमुक सरकार ने पिछले महीने उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राजन की अध्यक्षता में समिति गठित कर यह विश्लेषण करने को कहा था कि क्या नीट परीक्षा से पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है ताकि समिति इसके समाधान के लिए सरकार को उपचारात्मक सुझाव दे सके। समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसके मुताबिक अधिकतर लोग नीट परीक्षा नहीं चाहते।

प्रधान ने नीट परीक्षा आयोजित कराने की उच्चतम न्यायालय के निर्देश की पृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए बताया कि तमिलनाडु के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए चार और शहरों- चेंगलपट्टु, विरुद्धनगर, दिंडुक्कल और तिरुपुर- में नीट के केंद्र बनाए जाएंगे।

प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘इसके साथ ही क्षेत्रीय महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए इस साल परीक्षा के माध्यम के लिए मौजूदा 11 भाषाओं को बढ़ाकर 13 भाषाएं करने की जानकारी दी। इस साल मलयालम और पंजाबी भाषा में भी उम्मीदवार परीक्षा दे सकेंगे। तमिलनाडु में पहले ही तमिल भाषा में परीक्षा कराई जा रही है।’’

प्रधान की सफाई पर सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा नीट परीक्षा कराना और पाठ्यक्रम है न कि परीक्षा केंद्र। हमने नीट की वजह से 13 विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या (तमिलनाडु में) के मामले देखे हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रधान ने तमिलनाडु की चिंता को समझा, उनके अपने राज्य ओडिशा ने नीट की वजह से इस समस्या का सामना किया।

गौरतलब है कि एमके स्टालिन नीत द्रमुक ने छह अप्रैल को संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान नीट को निरस्त करवाने का वादा किया था।

सुब्रमण्यन ने बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की और राज्य की छह करोड़ आबादी के लिए कोविड-19 टीके की 12 करोड़ खुराक मुहैया कराने की मांग की। तमिलनाडु को अबतक 1.70 करोड़ खुराक मिली है।

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