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कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमीक्रॉन' का डर, इंटरनेशनल उड़ानों पर फिर समीक्षा करेगी केंद्र सरकार

By भाषा | Updated: November 28, 2021 21:36 IST

भारत सरकार ने कोविड के नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए फिर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली की समीक्षा करने का फैसला किया है। साथ ही राज्यों को जांच-निगरानी उपायों को बढ़ाने के लिए कहा गया है।

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ठळक मुद्देकोविड के ‘ओमीक्रोन’ वेरिएंट के दुनिया में बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सतर्क।केंद्र ने एक बार फिर से इंटरनेशनल उड़ानों को लेकर समीक्षा करने का फैसला किया है।

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक संभाव्य स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के विभिन्न देशों में फैलने से चिंता बढ़ने के बीच केंद्र ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली की समीक्षा करने का फैसला किया तथा राज्यों को जांच-निगरानी उपायों एवं स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए कुछ निर्देश जारी किये।

खतरे के मद्देनजर राज्य पाबंदियों को फिर सख्त करने लगे हैं और उन्होंने विदेश खासकर ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों से आने वाले लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने प्रभावित देशों से उड़ानों को अनुमति नहीं देने की मांग की है।

भारत में नहीं मिला है अभी ‘ओमीक्रोन’ का केस

दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को इस नये वैरिएंट के मिलने की खबर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी गयी थी। भारत में इस वैरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

कर्नाटक में कोरोना वायरस से संक्रमित दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों में वायरस का डेल्टा स्वरूप मिला है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने रविवार यह जानकारी दी। केंद्र ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से सघन निषिद्धिकरण, सक्रिय निगरानी, जांच बढ़ाने, हॉटस्पॉट की निगरानी करने, टीकाकरण का कवरेज बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि करने को कहा है।

ओमीक्रोन वेरिएंट पर टीके के असर को लेकर भी संदेह

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के नये ओमीक्रोन स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है और इसलिए इसके खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है।

अप्रैल-मई में डेल्टा वैरिएंट के चलते भयावह दूसरी लहर को झेल चुके भारत के सामने ओमीक्रोन की चुनौती है। भारत ने स्थिति में सुधार के बाद काफी हद तक पाबंदियों में ढील दी थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी किये गये आंकड़े के अनुसार देश में आज 8,774 नये मामले आये तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,05,691रह गयी जो 543 दिनों में सबसे कम हैं।

बीस महीने से अधिक समय के लंबे अंतराल के बाद, सरकार ने 26 नवंबर को घोषणा की थी कि 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को फिर से शुरू किया जाएगा।

लेकिन रविवार को सरकार ने कहा कि वह उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा करेगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा,‘‘सरकार आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों-खासकर जोखिम श्रेणी में रखे गए देशों से आने वालों की जांच और निगरानी से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करेगी।’’

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई एक अत्यावश्क बैठक में यह बात कही गयी। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस के नए चिंताजनक स्वरूप 'ओमीक्रोन' के चलते की गई उच्चस्तरीय समीक्षा के एक दिन बाद हुई।

जीनोमिक निगरानी को और मजबूत करने पर जोर

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वायरस के स्वरूपों की जीनोमिक निगरानी को और मजबूत किया जाएगा तथा हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवा को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी।’’

जोखिम की श्रेणी वाले देशों में दक्षिण अफ्रीका, चीन, बोत्सवाना तथा ब्रिटेन, ब्राजील, इजरायल, बांग्लादेश, मॉरीसश, न्यूजीलैंड, जिम्बाव्बे, सिंगापुर एवं हांगकांग हैं।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पालन किए जाने वाले कई उपायों को सूचीबद्ध करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कठोर निगरानी पर जोर दिया। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूनों का शीघ्र भेजा जाना सुनिश्चित करना और इस चिंता के स्वरूप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू करने को भी कहा है।

उन्होंने 27 नवंबर को लिखे गए एक पत्र में कहा कि सक्रियता से कदम उठाते हुए, सरकार ने पहले ही उन देशों को ‘जोखिम की’ श्रेणी में रखा है, जहां यह चिंता का स्वरूप पाया गया है ताकि इन गंतव्यों से भारत में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए बाद में अतिरिक्त कदम उठाए जा सकें।

भूषण ने कहा, “संभावित खतरा जो यह स्वरूप राष्ट्र के लिए पैदा कर सकता है, उसे देखते हुए यह जरूरी है कि गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, टीकाकरण की बढ़ी हुई कवरेज और कोविड-उपयुक्त व्यवहार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए धरातल पर इन्हें बहुत सक्रिय तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

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