चंडीगढ़, 10 दिसंबर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बृहस्पतिवार को भाजपा-नीत केन्द्र सरकार की आलोचला करते हुए आरोप लगाया कि वह नोटबंदी और जीएसटी की तरह ही किसानों पर इन ‘काले कानूनों को भी थोपना’ चाहती है।
बादल ने आंदोलन कर रहे किसानों को कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी के तौर पर पेश करने के प्रयासों के लिए भी केन्द्र सरकार की आलोचना की और नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाये। अगर किसान ये कानून नहीं चाहते हैं तो आप उनपर क्यों थोपना चाहते हैं?’’
बादल ने बृहस्पतिवार की शाम मीडिया से बातचीत में बादल ने कहा, ‘‘वह इस नीति को भी ऐसे ही थोपना चाहते हैं, जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी थोपा था और अब वह चाहते हैं कि दफ्तरों में बैठ कर वह जो भी कानून बनाएं, उन्हें जबरन लागू करा दिया जाए।’’
शिअद प्रमुख ने कहा, ‘‘यह लोकतांत्रिक देश है। अगर किसान यह (कानून) नहीं चाहते। आप देख रहे हैं कि सभी किसान संगठन एकजुट हो गए हैं। भारत बंद रखा गया। किसान ये कानून नहीं चाहते हैं, फिर आप इसे (कानून) क्यों रखना चाहते हैं। मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आवाज का विरोध करना और उसे दबाना’’ सरकार का रूख बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘आप लोकतंत्र में (आवाज को) नहीं दबा सकते। वे हमारे देशवासी हैं।
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