केंद्र नगालैंड से आफस्पा हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए समिति का गठन करेगा

By भाषा | Updated: December 26, 2021 18:41 IST2021-12-26T18:41:54+5:302021-12-26T18:41:54+5:30

Center to constitute committee to look into the possibility of removing AFSPA from Nagaland | केंद्र नगालैंड से आफस्पा हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए समिति का गठन करेगा

केंद्र नगालैंड से आफस्पा हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए समिति का गठन करेगा

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर नगालैंड में गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के बाद बढ़े तनाव को घटाने के मकसद से केंद्र ने दशकों से नगालैंड में लागू विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (आफस्पा) को हटाने की संभावना पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

निष्पक्ष जांच के बाद दिसंबर की शुरुआत में नगालैंड के मोन जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान में सीधे तौर पर शामिल रहे सैन्य कर्मियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की संभावना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि जांच लंबित रहने तक सेना के जवानों को निलंबित किया जा सकता है।

सेना की एक टुकड़ी द्वारा मोन जिले में की गई गोलीबारी में 14 लोगों की मौत के बाद आफस्पा को वापस लेने के लिए नगालैंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला 23 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया और इसमें क्रमश: नगालैंड और असम के मुख्यमंत्रियों नेफ्यू रियो और हिमंत बिस्व सरमा ने भाग लिया था। नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पैटन और पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग भी बैठक में शामिल हुए थे।

नगालैंड सरकार के एक बयान में कहा गया कि समिति नगालैंड से आफस्पा को वापस लिये जाने की संभावना की पड़ताल करेगी और उसकी सिफारिशों के आधार पर फैसला किया जाएगा।

नगालैंड के मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को नयी दिल्ली में बैठक हुई। मामले को गंभीरता से लेने के लिए अमित शाह जी का आभारी हूं। राज्य सरकार सभी वर्गों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील करता है।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल समिति का नेतृत्व करेंगे। नगालैंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, असम राइफल्स के महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगे।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मोन जिले की घटना में सीधे तौर पर शामिल सैन्य इकाई और कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही, संभवत: ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ शुरू की जाएगी और निष्पक्ष जांच के आधार पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। नगालैंड सरकार घटना में मारे गए 14 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देगी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों की मौत की घटना पर खेद प्रकट करते हुए छह दिसंबर को संसद को बताया था कि इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है।

शाह ने घटना का ब्योरा देते हुए कहा था कि चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में भारतीय सेना को उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली और उसके 21 पैरा कमांडो के दल ने इंतजार किया। उन्होंने कहा कि शाम को एक वाहन उस स्थान पर पहुंचा और सशस्त्र बलों ने उसे रुकने का संकेत दिया, लेकिन वह नहीं रूका और आगे निकलने लगा। शाह ने कहा कि इस वाहन में उग्रवादियों के होने के संदेह में इस पर गोलियां चलायी गयीं। शाह ने कहा था कि बाद में इसे गलत पहचान का मामला पाया गया।

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Web Title: Center to constitute committee to look into the possibility of removing AFSPA from Nagaland

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