स्वतंत्र भारत के इतिहास में केन्द्र-राज्य संबंध कभी इतने खराब नहीं रहे: बनर्जी

By भाषा | Updated: March 31, 2021 20:29 IST2021-03-31T20:29:59+5:302021-03-31T20:29:59+5:30

Center-state relations have never been worse in the history of independent India: Banerjee | स्वतंत्र भारत के इतिहास में केन्द्र-राज्य संबंध कभी इतने खराब नहीं रहे: बनर्जी

स्वतंत्र भारत के इतिहास में केन्द्र-राज्य संबंध कभी इतने खराब नहीं रहे: बनर्जी

नयी दिल्ली, 31 मार्च तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत गैर-भाजपा नेताओं को पत्र लिखा हैं जिसमें उन्होंने लोकतंत्र पर भाजपा के ‘‘हमले’’ को रेखांकित किया। पत्र में आरोप लगाया कि स्वतंत्रता के बाद केन्द्र-राज्य संबंध कभी इतने खराब नहीं थे जितने अब हैं।

तृणमूल कांग्रेस द्वारा बुधवार को जारी पत्र में बनर्जी ने कहा है, ‘‘मैं भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर भाजपा और केन्द्र में उसकी सरकार द्वारा किए गये कई हमलों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराने के लिए आपको, और गैर-भाजपा दलों के कई नेताओं को पत्र लिख रही हूं।’’

राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘अत्यंत चिंताजनक’’ घटनाक्रम है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून के जरिये केन्द्र की भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित दिल्ली की सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है और उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं।’’

तीन पृष्ठ का यह पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा के नेता शरद पवार, द्रमुक के एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, जेएमएम के हेमंत सोरेन, आप के नेता अरविंद केजरीवाल, बीजद के नवीन पटनायक, वाईएसआर कांग्रेस के जगन रेड्डी, नेकां के फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य के नाम लिखा गया है।

अपने पत्र में बनर्जी ने कहा कि 2014 और 2019 दोनों चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) से हारने के बावजूद, भाजपा लोगों के जनादेश को स्वीकार करने के लिए ‘‘अनिच्छुक’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल के अधीन कर दिल्ली पर शासन करने का रास्ता चुना है। राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक भारतीय गणराज्य के संघीय ढांचे पर एक प्रत्यक्ष हमला है। यह लोकतंत्र का मजाक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप इस बात से भी सहमत होंगे कि भाजपा ने दिल्ली में जो किया है, वह अपवाद नहीं है, बल्कि एक नियम बन गया है।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने गैर-भाजपा दलों के नेताओं और पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और अन्य संस्थानों का ‘‘बेशर्मी और बदले की भावना से दुरुपयोग’’ किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ‘‘जानबूझकर’’ राज्य सरकारों, विशेष रूप से गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों सरकारों को धन का हस्तांतरण रोक दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसलिए हम आम लोगों को लाभान्वित करने के लिए अपनी विकास और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं।’’

बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने संदिग्ध स्रोतों से असीमित संसाधनों को जुटाया है जिसका इस्तेमाल वह निर्वाचित गैर-भाजपा सरकारों को गिराने में कर रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार द्वारा राष्ट्र की संपत्तियों का निजीकरण करना भी लोकतंत्र पर हमला है क्योंकि ये संपत्तियां भारत की जनता की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, केंद्र-राज्य संबंध, और केंद्र में सत्तारूढ पार्टी और विपक्षी पार्टियों के बीच संबंध भी, स्वतंत्र भारत के इतिहास में कभी भी इतने बुरे नहीं रहे हैं जितने कि अब हैं, और इसके लिए प्रधानमंत्री के सत्तावादी आचरण को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’

पत्र में उन्होंने विपक्षी पार्टियों से लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमलों के खिलाफ ‘‘एकजुट होकर और प्रभावशाली ढंग से’’ संघर्ष करने का आग्रह किया।

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Web Title: Center-state relations have never been worse in the history of independent India: Banerjee

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