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केंद्र किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रहा, खत्म नहीं होगा प्रदर्शन : संयुक्त किसान मोर्चा

By भाषा | Updated: June 18, 2021 21:57 IST

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नयी दिल्ली, 18 जून संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ‘‘बदनाम’’ कर रही है और अगर सरकार उम्मीद कर रही कि आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं होने वाला।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। एसकेएम ने दावा किया कि कई राज्य सरकारें आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी हैं तथा आंदोलन से जुड़ने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थल पर और किसान पहुंच गए हैं। तीन कृषि कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून की मांग को लेकर मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले छह महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने का कोई भी मौका छोड़ा नहीं जा रहा। हालांकि, उनकी नीति इस बार भी नाकाम होगी।’’ बयान में कहा गया, ‘‘किसान जो मांग रहे हैं, वह यह है कि उनके आजीविका के मौलिक अधिकार की रक्षा की जाए। लोकतंत्र में यह अपेक्षा की जाती है कि सरकार उनकी जायज मांगों को मान लेगी। इसके बजाय, भाजपा नेतृत्व वाली सरकार अनावश्यक रूप से आंदोलन को लंबा खींच रही है, इसे बदनाम कर रही है और उम्मीद कर रही है कि यह ऐसे ही खत्म हो जाएगा। यह नहीं होने वाला है।’’

संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि भाजपा के कई नेता केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दे का समाधान करने के लिए कह रहे हैं। बयान में कहा गया, ‘‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (एम के स्टालिन) ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का मुद्दा उठाया। महाराष्ट्र भी किसानों पर केंद्रीय कानूनों के बुरे प्रभावों को बेअसर करने के लिए अपने कानून में संशोधन करने की प्रक्रिया में है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) भी लगातार कहती रही हैं कि आंदोलनकारी किसानों की मांगें पूरी होनी चाहिए। कुछ अन्य राज्यों में अन्य दलों की सरकारें भी किसानों के आंदोलन के साथ खड़ी हैं।’’ संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि उत्तराखंड के जसपुर से सैकड़ों किसान बृहस्पतिवार को गाजीपुर सीमा पर पहुंचे और भाकियू (टिकैत) के नेतृत्व में बड़ा काफिला पांच दिनों तक पैदल चलने के बाद शुक्रवार को गाजीपुर सीमा पहुंचा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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