लाइव न्यूज़ :

टीकों के खिलाफ अफवाहों पर रोक लगाने, इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का केन्द्र का निर्देश

By भाषा | Updated: January 25, 2021 17:21 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 25 जनवरी कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता पर अफवाहों का सामना कर रहे केंद्र ने राज्यों को इस तरह की भ्रामक सूचना के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कहा है। केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में इसपर भी जोर दिया कि देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने पाया है कि दोनों टीके - सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित हैं और रोग प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करते हैं।

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ मिलकर 16 जनवरी से देश भर में दो टीकों की सहायता से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया है।

केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय की गई प्राथमिकता के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे में लगे कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं और बाद में प्राथमिकता समूह 2 और 3 को टीका लगाया जाएगा।

पत्र में कहा गया है, ‘‘मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि देश में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक क्षमता निर्माण करने वाला पाया है। यह रिपोर्ट सामने आयी है कि निराधार और भ्रामक अफवाहें सोशल और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें इन टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा किया जा रहा है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘विशेष रूप से निहित स्वार्थों से इस तरह की अफवाह फैलाने से आम लोगों के बीच अवांछित संदेह उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, टीके की सुरक्षा और रोग प्रतिरक्षा क्षमता से संबंधित सभी प्रकार के निराधार अफवाहों पर रोक लगाने की आवश्यकता है।’’

भल्ला ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की कोई उपयुक्त व्यवस्था करें।

भल्ला ने मुख्य सचिवों को राज्य सरकार के तहत संबंधित सभी प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे कोविड-19 टीकों के बारे में ‘‘गलत सूचना’’ को रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेशों को तुरंत प्रसारित करने के लिए आवश्यक उपाय करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए व्यक्ति या संस्था के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतहाथियों के झुंड के टकराई राजधानी एक्सप्रेस, पटरी से उतरे कई डब्बे; 8 हाथियों की मौत

विश्वअमेरिकी सेना ने सीरिया में किए हवाई हमले, ISIS के दर्जनों ठिकानों को बनाया निशाना

भारतMP News: भोपाल में आज मेट्रो का शुभारंभ, जानें क्या है रूट और कितना होगा टिकट प्राइस

कारोबारPetrol Diesel Price Today: दिल्ली से लेकर मुंबई तक अपडेट हो गए पेट्रोल और डीजल के दाम, बस एक क्लिक से करें चेक

भारतप्रदूषित हवा का मसला केवल दिल्ली का नहीं है...!

भारत अधिक खबरें

भारतपरमाणु ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के साथ जवाबदेही भी जरूरी

भारतलोकसभा, विधानसभा के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के बीच नेताओं की आवाजाही?, राजनीति की नई शक्ल बनता दलबदल

भारतअपनी गाड़ी के लिए PUC सर्टिफिकेट कैसे बनाएं? जानिए डाउनलोड करने का आसान तरीका

भारतकर्मचारियों के लिए खुशखबरी! EPFO ने किए 2 बड़े अपडेट, अब मिलेगा ये फायदा

भारतचुनाव वाले तमिलनाडु में SIR के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 97 लाख नाम हटा गए