बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दर्ज मामलों से केंद्र का कोई संबंध नहीं: केंद्र ने न्यायालय से कहा

By भाषा | Updated: November 16, 2021 20:27 IST2021-11-16T20:27:17+5:302021-11-16T20:27:17+5:30

Center has nothing to do with cases registered regarding post-poll violence in Bengal: Center to court | बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दर्ज मामलों से केंद्र का कोई संबंध नहीं: केंद्र ने न्यायालय से कहा

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दर्ज मामलों से केंद्र का कोई संबंध नहीं: केंद्र ने न्यायालय से कहा

नयी दिल्ली, 16 नवंबर केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि उसका पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों और राज्य सरकार द्वारा दायर उस वाद से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें भारत संघ को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में ये वाद विचारणीय नहीं है।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ को बताया कि सीबीआई संसद के विशेष अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय होने के नाते स्वयं मामलों को दर्ज कर रही है और जांच कर रही है और इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है।

वेणुगोपाल ने कहा कि भारत संघ (यूओआई) ने एक भी मामला दर्ज नहीं किया है और ना ही आपराधिक मामला दर्ज करना उसके अधिकार क्षेत्र में है। भारत संघ का मामला दर्ज करने या जांच करने से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने पीठ से कहा, '' भारत संघ का किसी भी मुद्दे से संबंध नहीं है और 'दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम' के तहत एजेंसी के अधिकारी मामले को दर्ज कर जांच करते हैं। भारत संघ आवश्यक पक्षकार नहीं है। इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भारत संघ के खिलाफ वाद दायर नहीं किया जा सकता क्योंकि सीबीआई संबंधित पक्ष है।''

वेणुगोपाल ने दलील दी कि सीबीआई की स्थापना डीएसपीई अधिनियम के तहत हुई है और उसके अधिकारी स्वायत्त हैं और वे कैसे जांच करते हैं, इसमें केंद्र द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।

वहीं, पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि दूसरे पक्ष द्वारा बनाए गए नियमों का पूरी तरह मजाक बनाया गया है।

उन्होंने कहा, '' वाद की अनुमति देनी होगी। अब तक कोई लिखित बयान नहीं दिया गया है।''

अदालत ने मामले की सुनवायी दो सप्ताह बाद के लिए तय की।

केंद्र ने इससे पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि पश्चिम बंगाल के पास सीबीआई को जांच से रोकने की पूर्ण शक्ति नहीं है और जांच एजेंसी को देशभर में कहीं भी जांच करने का अधिकार है। पश्चिम बंगाल सरकार ने वाद दायर कर आरोप लगाया था कि सीबीआई, राज्य सरकार से आश्वयक पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना चुनाव बाद हिंसा के मामलों में जांच को आगे बढ़ा रही है।

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Web Title: Center has nothing to do with cases registered regarding post-poll violence in Bengal: Center to court

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