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कोरोना: गंभीर मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं अस्पताल, केंद्र ने राज्यों को दिया निर्देश, कहा- कोविड-19 टेस्ट पर मजबूर नहीं कर सकते

By पल्लवी कुमारी | Updated: April 29, 2020 09:56 IST

भारत में कोरोना वायरस खौफ की वजह से देश के कई अस्पतालों गंभीर मरीजों को एडिमट करने से मना कर रहे हैं या फिर उनका इलाज करने में हिचक रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं।

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ठळक मुद्देठानकोट में भी एक बच्चे को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था। जिसके बाद में बच्चे की मौत की खबर आई थी। देश के कई हिस्सों में प्रेग्नेंट महिलाओं को अस्पताल यह कह कर एडमिट करने से मना कर रही है कि कोविड-19 की रिपोर्ट लेकर आओ।

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का खौफ की वजह से देश के कई प्राइवेट अस्पताल गंभीर मरीजों को एडमिट नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस मामले पर राज्यों को कहा है कि आप सुनिश्चित कराएं कि राज्य के सभी अस्पतला खुले रहे। केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी निर्देश दिए हैं कि अस्पताल आने वाले किसी भी मरीज का कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए आप दबाव नहीं डाल सकते हैं। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ सचिव प्रीती सूदन ने राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है। जिसमें लिखा गया है कि केंद्र सरकार को एक ऐसी रिपोर्ट मिली है कि देश के प्राइवेट अस्पताल कोरोना संक्रमण के डर से या बंद होने की वजह से आपात सेवाएं जैसे, डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी जैसी सर्विस नहीं दे रहे हैं। 

सभी राज्यों को निर्देश मरीजों को इमरजेंसी सर्विस दी जाए

प्रीती सूदन ने लिखा है, देश के जिन मरीजों को इमरजेंसी सर्विस की जरूरत है, उन्हें फौरन मुहैया कराया जाए। खासतौर पर प्राइवेट हॉस्पिटल को चालू रखा जाए। ताकिर मरीजों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो। 

अस्पतालों के सर्विस देने से पहले कोविड-19 टेस्ट कराने पर  केंद्रीय स्वास्थ सचिव प्रीती सूदन कहा कि अस्पताल लोगों को जरूरी प्रोटेक्शन के लिए कह सकते हैं। 

केंद्रीय स्वास्थ सचिव प्रीती सूदन पत्र में केंद्र सरकार द्वारा 20 अप्रैल को जारी गाइडलाइंस का भी जिक्र किया है। जिसमें लिखा गया है कि जरूरी सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। इसमें चाइल्ड हेल्थकेयर, कैंसर और किडनी जैसी सेवाएं शामिल हैं।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आ रही थी कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना की वजह से मरीजों का उचित उपचार नहीं कर रहे हैं या फिर उन्हें एडमिट करने से इंकार कर रहे हैं। पिछले दिनों हैदराबाद में 10 अस्पतालों ने नियो समस्या से जूझ रही एक महिला को एडमिट करने से मना कर दिया था,  जिसके बाद महिला की मौत हो गई थी। 

उसके अलावा पठानकोट में भी एक बच्चे को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था। जिसके बाद में बच्चे की मौत हो गई। मुंबई सहित कई जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को अस्पताल एडमिट नहीं कर रही है। पिछले दिनों मुंबई में 4 प्रेग्नेंट महिलाओं को अस्पताल ने यह कह कर भर्ती करने से मना कर दिया कि कोविड-19 की जांच रिपोर्ट लेकर आओ। 

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