लाइव न्यूज़ :

न्यायिक अवसंरचना निगम और वकीलों की सहायता पर केंद्र का जवाब नहीं आया : सीजेआई रमण

By भाषा | Updated: December 19, 2021 17:09 IST

Open in App

वारंगल (तेलंगाना), 19 दिसंबर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने रविवार को यहां कहा कि न्यायिक अवसंरचना निगम गठित करने और कोविड-19 से जीविकोपार्जन खो चुके वकीलों को आर्थिक मदद देने के प्रस्ताव पर अबतक केंद्र से जवाब नहीं आया है।

वारंगल में अदालत परिसर का उद्घाटन करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायिक अवसंरचना निगम और ग्रामीण इलाकों में मोबाइल इंटरनेट की सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव जुलाई और जून में भेजा गया था,यद्यपि इनपर कार्रवाई नहीं हुई है।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, लेकिन उम्मीद है कि केंद्र सरकार संसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही न्यायिक अवसंरचना निगम के गठन के लिए विधेयक लाएगी।

न्यायमूर्ति रमण ने असंतुष्टि का भाव प्रकट करते हुए कहा,‘‘मैंने केंद्र से कहा कि उन वकीलों के परिवारों की आर्थिक मदद करें जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपना जीविकोपार्जन खो दिया है। सरकार की ओर से अबतक उचित जवाब नहीं आया है।अवसंरचना स्थापित करने के को लेकर भी जवाब नहीं आया है। मैं इन मुद्दों को जब भी मौका मिलता है, उन विभिन्न मंचों पर तब उठाता हूं जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मौजूद होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश में तीन मुद्दे हैं, मूलभूत अवसंरचना की कमी, न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाई जाए और अर्हता रखने वाले वकीलों की वित्तीय मदद की जाए। अगर हम इन समस्याओं को दूर करेंगे तभी लोगों तक पहुंच पाएंगे। तभी ‘‘ न्याय तक पहुंच’ का मतलब होगा।’’

न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि बढ़ते मामलों की वजह केवल न्यायाधीशों की कमी नहीं है बल्कि इससे निपटने के लिए अवसंरचना की भी जरूरत है। जरूरी अवसंरचना मुहैया कराए बिना यह उम्मीद करना कि न्यायाधीश और वकील अदालत की जर्जर इमारत में बैठक कर न्याय देंगे उचित नहीं है। सरकार को, विशेषतौर पर केंद्र को इसपर संज्ञान लेना चाहिए।

सीजेआई ने कहा कि उन्होंने केंद्र और कानून मंत्री को ग्रामीण क्षेत्रों में वकीलों के लिए मोबाइल नेटवर्क वैन स्थापित करने के लिए पत्र लिखा है ताकि वे अदालत की कार्यवाही में डिजिटल रूप से शामिल हो सकें।

उन्होंने कहा कि जो वकील शहरों और कस्बो में रहते हैं वे वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के अधिवक्ता जो नेटवर्क को वहन नहीं कर सकते, अंतत: अपना पेशा खो देंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत