केंद्र ने पश्चिम बंगाल से तीन आईपीएस अफसरों को तत्काल कार्य मुक्त करने को कहा

By भाषा | Updated: December 17, 2020 17:31 IST2020-12-17T17:31:41+5:302020-12-17T17:31:41+5:30

Center asks West Bengal three IPS officers to immediately relieve work | केंद्र ने पश्चिम बंगाल से तीन आईपीएस अफसरों को तत्काल कार्य मुक्त करने को कहा

केंद्र ने पश्चिम बंगाल से तीन आईपीएस अफसरों को तत्काल कार्य मुक्त करने को कहा

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से बृहस्पतिवार को कहा कि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति मांगने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त करे। केंद्र ने कहा कि इन अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्य मुक्त किया जाना चाहिए।

तीन अधिकारी--भोलानाथ पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (डीआईजी प्रेसिडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (एडीजी दक्षिण बंगाल)-- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की राज्य की नौ और 10 दिसंबर को यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।

डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिले पर पिछले हफ्ते हमले के बाद ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र ने तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने का निर्देश दिया था।

अधिकारी ने बताया कि पांडे को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक बनाया गया है जबकि त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआईजी के तौर पर नियुक्ति दी गई है। वहीं मिश्रा को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का आईजी नियुक्त किया गया है।

पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी भेजी गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने 12 दिसंबर को केंद्र सरकार को सूचित किया था कि वह तीन आईपीएस अफसरों को कार्य मुक्त नहीं कर पाएगी।

अखिल भारतीय सेवा के किसी भी अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने से पहले राज्य सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है।

लेकिन इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा (काडर) नियम 1954 के एक प्रावधान के तहत राज्य सरकार को दरकिनार करते हुए एक तरफा फैसला कर लिया।

नियम कहता है कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसी प्रकार की असहमति है तो " संबंधित राज्य सरकारें केंद्र के फैसले को प्रभावी करेंगी। "

गृह मंत्रालय ने राज्य की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण के लिए 14 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया था।

बहरहाल, राज्य सरकार ने समन स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नड्डा के काफिले पर डायमंड हार्बर पर पत्थरों से हमले को लेकर एक रिपोर्ट भेजी थी जिसके बाद राज्य मुख्य सचिव और डीजीपी को दिल्ली तलब किया गया था।

डायमंड हार्बर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है।

धनखड़ ने कोलकाता में पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में कानून तोड़ने वालों को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण है और विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर उसे दबा दिया जाता है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने गृह मंत्रालय की ओर से नड्डा की राज्य की यात्रा के दौरान "गंभीर सुरक्षा चूक " पर मांगी गई रिपोर्ट नहीं भेजी है।

मुख्यमंत्री ने कोलकाता में हाल में की गई एक रैली में नड्डा के काफिले पर हमले को एक "नाटक" बताया था।

हमले में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई नेताओं की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई थीं। ये गाड़ियां नड्डा के काफिले का हिस्सा थी।

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Web Title: Center asks West Bengal three IPS officers to immediately relieve work

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