नयी दिल्ली, 23 मार्च देश के कुछ हिस्से में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि आरटी-पीसीआर जांच, जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करने और सभी प्राथमिकता समूहों के टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
गृह मंत्रालय ने अप्रैल के लिए नया दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि कोविड-19 के मामलों में फिर से तेजी के मद्देनजर नए संक्रमित मरीजों को जल्द से जल्द पृथक करने और समय पर उपचार करने की जरूरत है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश के सभी हिस्से में जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए, हर किसी द्वारा कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और सभी लक्षित समूहों को 'कवर' करने के लिए टीकाकरण बढ़ाना चाहिए।
इसने कहा कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का जल्द से जल्द पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें पृथक करना चाहिए।
भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस के 40,715 नए मामले सामने आए जिससे देश भर में संक्रमित लोगों की संख्या 1.16 करोड़ हो गई है और वायरस से अभी तक 1,60,166 लोगों की मौत हो चुकी है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के आधार पर जिले के अधिकारियों द्वारा निरूद्ध क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक चिह्नांकन करना चाहिए।
इसने कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आरटी-पीसीआर की जांच दर कम है, वहां कुल जांच का 70 फीसदी तक पहुंचने के लिए उसे तेजी से जांच दर बढ़ानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है।
इसने कहा कि टीकाकरण अभियान जहां सुचारू चल रहा है वहीं टीकाकरण की प्रक्रिया विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समरूप नहीं है और कुछ राज्यों में टीकाकरण की धीमी गति ‘‘चिंता का कारण’’ है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य में संचरण की कड़ी को तोड़ने के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि दिशानिर्देश का मुख्य ध्यान कोविड-19 के प्रसार पर रोक लगाने में हासिल उपलब्धियों को और मजबूत करना है, जो पिछले पांच महीने में उपचाराधीन मामलों की संख्या में लगातार कमी से दिख रही थी।
इसने कहा कि कार्यकलापों को सफलतापूर्व बहाल करने और महामारी से पूरी तरह उबरना सुनिश्चित करने के लिए मानक प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए और गृह मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालयों की तरफ से जारी दिशानिर्देशों एवं एसओपी का पालन करना चाहिए।
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