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केंद्र और एनएससीएन (आईएम) शीघ्र मतभेद दूर करें, नगा मुद्दे का यथाशीघ्र हल ढूंढें : नगालैंड सरकार

By भाषा | Updated: October 11, 2021 18:00 IST

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कोहिमा, 11 अक्टूबर नगालैंड सरकार ने केंद्र और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक मुइवा गुट) एनएससीएन (आईएम) से अपने मतभेद दूर करने तथा लंबित नगा मुद्दे का यथाशीघ्र हल ढूंढने की अपील की है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, पूर्व मुख्यमंत्री और एनपीएफ के विधायक दल के नेता टी आर जेलियांग और मंत्री नेइबा क्रोनू ने नयी दिल्ली में केंद्र के नये वार्ताकार ए के मिश्रा तथा एनएससीएन (आईएम) के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने दिल्ली में नगालैंड हाउस में ए के मिश्रा के साथ बैठक की और एनएससीएन (आईएम) के मुख्य वार्ताकार टी मुइवा, उसके अध्यक्ष क्यू टुक्कू और उपाध्यक्ष टोंगमैट वांगनाओ समेत उसके प्रतिनिधियों से भी संवाद किया। ’’

रविवार को हुई इन बैठकों के दौरान राज्य सरकार ने मिश्रा एवं एनएससीएन (आईएम) के प्रतिनिधियों से यथाशीघ्र हल ढूंढने के लिए और व्यावहारिक बनने की अपील की क्योंकि यह नगा लोगों की इच्छा है।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘ हमें हल ढूंढने के लिए अपने दिमाग और विवेक का इस्तेमाल करना होगा।’’

अधिकारी के अनुसार, नगालैंड के विधायकों ने एनएससीएन (आईएम) के नेताओं से कहा कि इस संगठन एवं केंद्र के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन यह हल ढूंढने के लिए मुद्दों को सुलझाने का वक्त है।

बहुत समय से लंबित नगा मुद्दे का हल ढूंढने के लिए केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच 20 सितंबर को वार्ता बहाल हुई थी। करीब दो साल पहले वार्ता थम गयी थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘वार्ता प्रक्रिया में चीजों को सुगम बनाने वाले के रूप में राज्य सरकार, केंद्र एवं संगठन को पूरा सहयोग दे रही है। ’’

केंद्र सरकार एवं एनएससीएन (आईएम) ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। अठारह साल तक 80 से अधिक दौर की वार्ता के बाद ऐसा हो पाया था। वर्ष 1997 में दशकों बाद दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ था। नगालैंड में 1947 में आजादी के शीघ्र बाद ही उग्रवाद ने सिर उठा लिया था।

केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच तब वार्ता थम गयी थी, जब एनएससीएन (आईएम) ने दीमापुर में 31 अक्टूबर, 2019 में वार्ता के बाद केंद्र के पिछले वार्ताकार आर एन रवि के साथ वार्ता जारी रखने से इनकार कर दिया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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