CDS Bipin Rawat Funeral: नम आंखों से राष्ट्र ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को शुक्रवार शाम अंतिम विदाई दी। दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को उनकी बेटियों ने मुखाग्नि दी जिसके बाद दोनों की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गईं।
आज का दिन भारत के सैन्य इतिहास में एक नए अध्याय के रूप में दर्ज हो गया। संस्कृत में मंत्रोच्चार के बीच जनरल रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार, सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। उनकी दोनों बेटियों-तारिणी और कृतिका ने अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मी अनुष्ठान किए।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, जनरल रावत और उनकी पत्नी की अस्थियों को शनिवार को हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित किए जाने की योजना है। जनरल रावत की छोटी बेटी तारिणी ने कहा, "हम कल उनकी अस्थियां लेकर हरिद्वार जाएंगे।" सीडीएस जनरल रावत के छोटे भाई एवं पूर्व सैन्य अधिकारी विजय रावत ने भी कहा, ‘‘हम कल उनकी अस्थियों को हरिद्वार ले जाएंगे।
हम परिवार के सदस्य उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘"वेलिंगटन में समारोह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु जाने से पहले मैंने उनसे बात की थी। कभी नहीं सोचा था कि किस्मत उन्हें हमसे दूर ले जाएगी।’’ वहीं, जनरल रावत के साले यशवर्धन सिंह ने कहा, "जनरल रावत और मेरी बहन दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। हम कल सुबह सुबह एक 'कलश' में अस्थियां उठाएंगे तथा फिर हरिद्वार जाएंगे जहां अस्थियों को पवित्र गंगा में विसर्जित किया जाएगा और कुछ अनुष्ठान किए जाएंगे।"
लाखों लोगों ने टेलीविजन पर इस भावुक कर देने वाले क्षण को देखा। अंत्येष्टि स्थल के पास लोगों का हुजूम मौजूद था। हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। अब तक 13 में से तीन शवों की ही शिनाख्त हो पाई है। इससे पहले आज सुबह, जनरल रावत के सहायक रहे ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर का भी बरार स्क्वेयर में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
ब्रिगेडियर लिद्दर (52) की पत्नी गीतिका लिद्दर ने अंतिम संस्कार के बाद संवाददाताओं से कहा कि इस वक्त वह गर्व से अधिक दु:ख महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभी लंबा जीवन बिताना है, लेकिन यदि ईश्वर की यही इच्छा है, तो हम ऐसे ही जिएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह ऐसे वापस आएं।’’
ब्रिगेडियर लिद्दर की बेटी आशना लिद्दर ने कहा कि वह 17 वर्ष की हैं और वह अपने पिता के साथ बताए इन 17 वर्षों की सभी अच्छी यादों को संजोकर रखेंगी। आशना ने कहा, ‘‘ यह राष्ट्रीय क्षति है। मेरे पिता एक नायक थे।’’ उन्होंने कहा कि उनके पिता एक खुशमिजाज व्यक्ति थे और उनके सबसे अच्छे मित्र थे। हेलीकॉप्टर हादसे में बचे एकमात्र व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु में इलाज चल रहा है।
जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर लिद्दर के साथ ही हादसे में लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वाड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक, लांस नायक बीएस तेजा, हवलदार सतपाल, जूनियर वारंट अफसर दास और जूनियर वारंट अफसर प्रदीप की भी जान चली गई।