सीबीएसई परीक्षा रद्द होने से मेधावी छात्रों के चेहरों पर उभरी चिंता की लकीरें

By शीलेष शर्मा | Updated: June 2, 2021 21:05 IST2021-06-02T21:02:29+5:302021-06-02T21:05:24+5:30

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया।

CBSE ICSE Board Class 12 Exams 2021 cancels concern emerged on the faces of meritorious students  | सीबीएसई परीक्षा रद्द होने से मेधावी छात्रों के चेहरों पर उभरी चिंता की लकीरें

विश्वविद्यालयों के अध्यापक और प्रिंसिपल सरकार के इस फैसले से खुश हैं। (file photo)

Highlightsप्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई थी।

नई दिल्लीः सरकार द्वारा सीबीएसई परीक्षा रद्द कर देने के बाद मेधावी छात्रों के चेहरों  पर चिंता की लकीरें उभर आयीं हैं, जबकि बड़ी संख्या मैं ऐसे छात्र हैं जो परीक्षा रद्द होने से न केवल खुश है बल्कि सकून की सांस ले रहे हैं।

इन छात्रों का मानना है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश को लेकर जो समस्याएं आएँगी उनका मुक़ाबला कैसे करेंगे तथा प्रवेश का आधार क्या होगा। विदेशों में शिक्षा ग्रहण करने की ललक रखने वाले छात्र इस बात से परेशान हैं कि जब परीक्षा नहीं होंगी तो विदेश के विश्वविद्यालयों में उन्हें किस आधार पर प्रवेश मिलेगा।

दूसरी ओर विभिन्न विश्वविद्यालयों के अध्यापक और प्रिंसिपल सरकार के इस फैसले से खुश हैं, उनकी दलील है कि कोरोना महामारी के दौर में परीक्षाओं को लेकर बच्चों की ज़िन्दगी से  जा सकता। हालाँकि देश के तमाम विश्वविद्यालय उस प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं जिसके आधार पर छात्रों को बारहवीं के बाद प्रवेश दिया जा सके।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति वी सी जोशी की दलील थी कि  हम अनेक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं  जिन पर अंतिम फैसला विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया सम्बन्धी स्टैंडिंग समिति लेगी।  उन्होंने कहा कि इन विकल्पों में बाहरवीं के 50  50 फीसदी अंक प्रवेश परिक्षा लेकर उनके जोड़ के आधार पर मेरिट बनायीं जायेगी जो प्रवेश का आधार होगी।

 इसके अलावा 9 , 10 , 11 के ग्रेड का अनुपात जोड़ कर उसे आधार बनाया जा सकता है।  एक विकल्प यह भी है कि  विभिन्न राज्यों के बोर्ड अपने अपने ढंग से परिक्षा लेते हैं अतः परसेंटाइल को आधार बना कर प्रवेश दिया जाए। गौरतलब है कि सीबीएसई कल अदालत के सामने उन विकल्पों को रखेगी, जिसके आधार पर वह छात्रों का मूल्यांकन कर परिक्षा परिणाम घोषित करेगी।  

एक अन्य प्रोफेसर राजेश का मानना था कि दसवीं के परीक्षा परिणाम और बाहरवीं के आंतरिक परीक्षा परिणामों के अंक जोड़ कर प्रवेश से पहले एक संक्षिप्त मौखिक परिक्षा ली जाए और तीनों के अंकों का औसत निकाल कर उसके आधार पर प्रवेश दिया जाए।  

भले ही सीबीएसई ने बारहवीं की परीक्षा रद्द कर दी हों लेकिन हरियाणा, मध्य प्रदेश  और गुजरात को छोड़ कर महाराष्ट्र सहित किसी अन्य राज्य ने अभी तक अपने अपने राज्य के बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला नहीं किया है जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।  

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