12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के संबंध में सीबीएसई ने 13 सदस्यीय समिति बनाई

By भाषा | Updated: June 4, 2021 19:57 IST2021-06-04T19:57:46+5:302021-06-04T19:57:46+5:30

CBSE forms 13 member committee regarding evaluation of class 12 students | 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के संबंध में सीबीएसई ने 13 सदस्यीय समिति बनाई

12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के संबंध में सीबीएसई ने 13 सदस्यीय समिति बनाई

नयी दिल्ली, चार जून केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है और यह समिति 10 दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी ।

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी ।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘ कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थिति और विभिन्न पक्षकारों की राय के आधार पर यह फैसला किया गया था कि इस वर्ष सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं होगी । यह भी फैसला किया गया कि समयबद्ध तरीके से परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिये वस्तुनिष्ट मानदंड निर्धारित किये जायेंगे । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बारहवीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के उद्देश्य से सीबीएसई ने वस्तुनिष्ठ मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया।समिति 10 दिनों के भीतर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन मानदंड पर रिपोर्ट सौंपेगी। ’’

इस समिति के सदस्यों में शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव विपिन कुमार, दिल्ली शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, केंद्रीय विद्यालय संगठन की आयुक्त निधि पांडे, नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त विनायक गर्ग, चंडीगढ़ स्कूली शिक्षा निदेशक रूबिन्दरजीत सिंह बरार, सीबीएसई के निदेशक (आईटी) अंतरिक्ष जौहरी, सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) जोसेफ इमैलुअल शामिल हैं ।

इसके अलावा समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और एनसीईआरटी से एक-एक प्रतिनिधि तथा स्कूलों के दो प्रतिनिधि शामिल हैं ।

गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था।

सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

छात्रों को अंक किस आधार पर मिलेंगे और परिणाम कैसे तैयार होगा, इस बारे में सीबीएसई ने कहा था कि समय के अनुसार उचित मानदंड के तहत अंक दिये जायेंगे और परिणाम तैयार होगा।

वहीं छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो छात्र अपने अंक से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे।

उच्चतम न्यायालय में भी इस मामले पर सुनवाई चल रही है ।

12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा मई-जून में निर्धारित की गई थी लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण इसे रद्द कर दिया गया था । इससे पहले सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी थी और अंक देने के लिये वैकल्पिक अंक नीति की घोषणा की थी ।

इस नीति के अनुसार, हर वर्ष होने वाले आंतरिक मूल्यांकन के लिये प्रत्येक विषय में 20 अंक निर्धारित होंगे जबकि वर्ष में विभिन्न परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर 80 अंकों की गणना की जायेगी ।

इसमें स्कूलों के सामयिक/यूनिट टेस्ट के लिये 10 अंक, अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के लिये 30 अंक और प्री बोर्ड परीक्षा के लिये 40 अंक निर्धारित होंगे ।

10वीं कक्षा के लिये स्कूलों को गणना के बाद अंक तालिका 30 जून तक भेजने को कहा गया है और उम्मीद की जा रही है कि परिणाम जुलाई में आ सकते हैं।

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Web Title: CBSE forms 13 member committee regarding evaluation of class 12 students

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