सीबीएसई परीक्षा: 10वीं कक्षा के छात्रों के लिये ग्रेडिंग का उचित पैमाना चाहते हैं प्रधानाचार्य

By भाषा | Updated: April 14, 2021 18:58 IST2021-04-14T18:58:18+5:302021-04-14T18:58:18+5:30

CBSE Examination: Principal wants proper scale of grading for 10th grade students | सीबीएसई परीक्षा: 10वीं कक्षा के छात्रों के लिये ग्रेडिंग का उचित पैमाना चाहते हैं प्रधानाचार्य

सीबीएसई परीक्षा: 10वीं कक्षा के छात्रों के लिये ग्रेडिंग का उचित पैमाना चाहते हैं प्रधानाचार्य

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर बोर्ड परीक्षाओं पर सीबीएसई के फैसले के बाद विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षाविदों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनकी मांग है कि 10वीं कक्षा के छात्रों की ग्रेडिंग के लिये उचित पैमाना हो और 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों के लिये कार्यक्रम की घोषणा शीघ्र की जाए।

कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को टाल दिया। बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षा कराने के लिये जून में स्थिति की समीक्षा करेगा, जबकि 10वीं कक्षा के परिणाम बोर्ड द्वारा निर्धारित वस्तुनिष्ठ पैमाने के आधार पर घोषित किये जाएंगे।

ये परीक्षाएं चार मई से शुरू होनी थी।

दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम की प्रधानाचार्या संगीता हजेला के मुताबिक, “10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा स्कूल छोड़ने की परीक्षा नहीं हैं, बल्कि 10वीं कक्षा के नतीजों से छात्रों को अगली कक्षाओं में विषय (विज्ञान, कला, वाणिज्य आदि) का चयन करने में सहायता मिलती है।”

उन्होंने कहा, “ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए कि सीखने के लिहाज से पहले ही आ चुके अंतर को कैसे खत्म किया जाए। हालांकि, 12वीं कक्षा की परीक्षा के साथ अलग तरह का महत्व जुड़ा होता है क्योंकि भारत व विदेश दोनों जगह उच्च शिक्षा व करियर के विकल्प इन पर निर्भर होते हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक में दोनों परीक्षाओं के संबंध में फैसला लिया गया।

डीपीएस-आरएनई गाजियाबाद की प्रिंसिपल पल्लवी उपाध्याय ने कहा कि 10वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन की पद्धति को जितनी जल्दी हो सके विद्यालयों के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षक छात्रों को तैयार कर सकें।

दिल्ली के रोहिणी स्थित एमआरजी स्कूल के निदेशक रजत गोयल ने कहा, “मौजूदा परिदृश्य के मद्देनजर जहां देश भर में हमारे पास पर्याप्त ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है, यह एक व्यवहारिक कदम है। कहने का मतलब यह है कि महामारी के दौरान पूरे साल हम अपने देश को इतना विकसित नहीं बना सके कि देश भर में छात्रों को शिक्षा मुहैया करा सकें।”

उन्होंने कहा, “अगर हम इसके लिये तैयार होते तो हम इसके लिये ऑनलाइन व्यवस्था कर सकते थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोर्ड परीक्षाओं में इच्छित नतीजे पाने के लिये छात्रों ने पूरे साल इतनी मेहनत की लेकिन मौजूदा स्थिति में कुछ और नहीं, स्वास्थ्य सबसे पहले आता है।”

विभिन्न वर्गों द्वारा बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की जा रही थी। बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर दो लाख से ज्यादा छात्रों ने ऑनलाइन अभियान “कैंसल बोर्ड एग्जाम” भी चलाया था जो एक हफ्ते से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है।

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब समेत कई राज्य पहले ही बोर्ड परीक्षा की योजना में बदलाव की घोषणा कर चुके हैं।

मॉर्डन स्कूल शालीमार बाग की प्रधानाचार्या अलका कपूर के मुताबिक, “छात्रों के नजरिये से देखें तो वे चाहते हैं कि परीक्षाएं खत्म हों जिससे वे अपने करियर की दिशा में आगे बढ़ें, लेकिन कोविड-19 के दूसरी लहर देश भर में कहर बरपा रही हैं, कुछ राज्यों में तो हालात बहुत खराब हैं। सीबीएसई बोर्ड क्योंकि अखिल भारतीय बोर्ड है, वह विभिन्न राज्यों के लिये अलग से परीक्षाएं आयोजित नहीं करा सकता। इसलिये हमें स्थिति में सुधार होने का इंतजार करना होगा।”

ग्लोबल एजुकेशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की संस्थापक और शिक्षाविद् सुनीता गांधी ने कहा कि जो बच्चें 12वीं कक्षा में हैं उनके लिये 15 दिनों की नोटिस अवधि परिस्थितियों को देखते हुए मानसिक राहत देने वाली होगी।

उन्होंने कहा, “यह अच्छा है कि सीबीएसई 10वीं कक्षा के छात्रों को कुछ निष्पक्ष आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत करेगा। यह उन छात्रों, शिक्षकों और विद्यालयों के लिये निराशाजनक होगा जिन्होंने अपने लक्ष्यों के लिये काफी मेहनत की थी।”

‘फिक्की अराइज’ के सह-अध्यक्ष प्रवीण राजू ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में यथासंभव सर्वश्रेष्ठ समाधान हासिल करने के लिये 10वीं कक्षा के छात्रों के आकलन के तौर तरीकों पर पक्षकारों से चर्चा होनी चाहिए।

निर्मल भाटिया स्कूल की प्रधानाचार्या चारू वाही ने कहा कि किसी भी और अनिश्चितता और छात्रों को तनाव से बचाने के लिये सरकार को एक तारीख तय करनी चाहिए।

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Web Title: CBSE Examination: Principal wants proper scale of grading for 10th grade students

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