CBI VS CBI: निदेशक एम. नागेश्वर राव ने बंद किया संजय भंडारी का केस, सीबीआई ने साफ किया अपना पक्ष
By पल्लवी कुमारी | Published: November 27, 2018 07:54 AM2018-11-27T07:54:18+5:302018-11-27T07:54:18+5:30
CBI VS CBI: सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि फाइल जब अंतरिम निदेशक के पास गई तो उन्होंने फाइल दोबारा खोलने से मना करते हुए कहा कि इसके लिए मंजूरी देना नीतिगत फैसला होगा जो शीर्ष अदालत के निर्देशों के खिलाफ है।
सीबीआई के दो अधिकारियों के बीच का मामला अभी तक सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में तत्काल सीबीआई के निदेशक एम. नागेश्वर राव ने हथियार डीलर संजय भंडारी और आयकर अधिकारियों के खिलाफ मामला बंद करने का आदेश दे दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एम. नागेश्वर राव ने हथियार डीलर संजय भंडारी और आयकर अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कथित मामले की फाइल दोबारा खोलने की एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा के मौखिक अनुरोध को ठुकराया है।
सीबीआई के निदेशक एम. नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट का बताया है कि भंडारी के खिलाफ केस बंद करने का फैसला पूर्व निदेशक के द्वारा 13 मार्च 2018 को ही ले लिया गया था। राव ने कहा कि यह एक नीतिगत फैसला है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में वह ऐसा फैसला नहीं कर सकते हैं।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि फाइल जब अंतरिम निदेशक के पास गई तो उन्होंने फाइल दोबारा खोलने से मना करते हुए कहा कि इसके लिए मंजूरी देना नीतिगत फैसला होगा जो शीर्ष अदालत के निर्देशों के खिलाफ है।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार में संलिप्तता को लेकर 2016 में आयकर विभाग के नौ वरिष्ठ अधिकारियों और सीए संजय भंडारी सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
हालांकि इन मामलों में सीबीआई के प्रवक्ता बताया कि सीबीआई के अंतरिम निदेशक के समक्ष संजय भंडारी केस की फाइल दोबारा जांच के लिए लाई गई थी लेकिन इस पर फैसला लेना सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ है।
गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के पूरे मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना से सारे अधिकारों को वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के प्रभारी निदेशक एम. नागेश्वर राव कोई नीतिगत फैसला नहीं करने का निर्देश दिया हुआ है।