CBI Vs CBI: भ्रष्टाचार मामले में पूर्व अधिकारी राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट, जानें पूरा विवाद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 7, 2020 16:18 IST2020-03-07T16:00:04+5:302020-03-07T16:18:32+5:30
सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी। दोनों को मामले में आरोपी बनाने के पर्याप्त सुबूत नहीं होने के कारण इनके नाम आरोपपत्र के कॉलम 12 में लिखे गए थे।

राकेश अस्थाना
सीबीआई बनाम सीबीआई कथित भ्रष्टाचार का मामले में शनिवार (07 मार्च) में विशेष अदालत ने सबूतों के अभा में पूर्व अधिकारी राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार को क्लीन चिट दे दिया है। वहीं, कोर्ट ने मनोज प्रसाद, सोमेश्वर प्रसाद और सुनील मित्तल को भी समन जारी किया है।
बता दें कि कोर्ट ने सीबीआई की उस चार्ज शीट पर फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें उसे संज्ञान लेने के लिए कहा गया था। सीबीआई ने रिश्वत मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारियों राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
CBI vs CBI alleged graft case: The Court said as far as two public servants are concerned, the then Special Director Rakesh Asthana and the then DSP Devender Kumar, the court concurs with CBI finding that there is no sufficient material against them. https://t.co/AxlDQrEDmI
— ANI (@ANI) March 7, 2020
जानें पूरा मामला
सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी। दोनों को मामले में आरोपी बनाने के पर्याप्त सुबूत नहीं होने के कारण इनके नाम आरोपपत्र के कॉलम 12 में लिखे गए थे।
सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ 2017 के मामले में सना पर भी जांच चल रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी मुकर्रर की है। एजेंसी ने इस मामले के संबंध में मंगलवार को दुबई स्थित कारोबारी और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में अस्थाना को क्लीनचिट दी गई है।
एजेंसी ने रॉ प्रमुख एस के गोयल को भी क्लीनचिट दी गई है। 2018 में गिरफ्तार किये गये सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को भी क्लीनचिट दी गई है। उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी। प्रसाद को 17 अक्टूबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें उसी साल 18 दिसंबर को जमानत मिल गई।
इससे पहले सीबीआई 60 दिनों की अनिवार्य समयसीमा के भीतर दिसंबर 2018 तक आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी थी, जिसके चलते दिल्ली की अदालत ने प्रसाद को जमानत दे दी। निचली अदालत ने 31 अक्टूबर को कुमार को जमानत दे दी, जिन्हें 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने उनके आवेदन को चुनौती नहीं देने का फैसला किया था।
सीबीआई ने हैदराबाद स्थित कारोबारी सतीश सना की शिकायत पर अस्थाना को गिरफ्तार किया था। सना ने आरोप लगाया था कि मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में राहत पाने अस्थाना ने उसकी मदद की थी। एजेंसी ने इस मामले में प्रसाद को दुबई से आने पर गिरफ्तार किया। सना ने आरोप लगाया था कि प्रसाद और उसके भाई सोमेश ने उसे बरी कराने की एवज में दो करोड़ रुपये लिए थे।