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पटाखों में जहरीले रसायनों के इस्तेमाल पर सीबीआई की रिपोर्ट बेहद गंभीर : उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Updated: September 29, 2021 18:28 IST

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नयी दिल्ली, 29 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि पटाखों के निर्माण में जहरीले रसायनों के इस्तेमाल पर सीबीआई की रिपोर्ट बहुत गंभीर है और ‘‘प्रथम दृष्टया’’ बेरियम के इस्तेमाल और पटाखों पर लेबल लगाने को लेकर अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया गया है।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सीबीआई ने जब्त किए गए पटाखों में बेरियम सॉल्ट जैसे हानिकारक रसायन पाए हैं। न्यायालय ने कहा कि हिंदुस्तान फायरवर्क्स और स्टैंडर्ड फायरवर्क्स जैसे निर्माताओं ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा और पटाखों में इन रसायनों का इस्तेमाल किया।

पीठ ने कहा, “सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माण कारखानों से पटाखों और कच्चे माल के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए थे जिन्हें रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजा गया था। कई पटाखों में बेरियम और बेरियम लवण पाए गए हैं।”

पीठ ने कहा, “यह भी पाया गया है कि 2019 में बेरियम/बेरियम लवण पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद निर्माताओं द्वारा भारी मात्रा में यह रसायन खरीदे गए। यह भी पाया गया है कि तैयार पटाखों के लेबल से पता चला है कि उनमें रासायनिक संरचना और निर्माण के वर्ष का उल्लेख नहीं था।”

शीर्ष अदालत ने पिछले साल तीन मार्च को कहा था कि स्टैंडर्ड फायरवर्क्स, हिंदुस्तान फायरवर्क्स, विनायगा फायरवर्क्स इंडस्ट्रीज, श्री मरिअम्मन फायरवर्क्स, श्री सूर्यकला फायरवर्क्स और सेल्वा विनयगर फायरवर्क्स को कारण बताने के लिए निर्देशित किया गया था कि उन्हें प्रतिबंधित रसायनों का उपयोग के लिए पहले के आदेशों के उल्लंघन को लेकर अवमानना के वास्ते दंडित क्यों नहीं किया जाए।

पीठ ने कहा, “सीबीआई द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर विचार करते हुए, प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने शीर्ष अदालत और बेरियम लवण के बारे में पहले दिये गए आदेशों और पटाखों पर लेबल लगाने के आदेशों का उल्लंघन किया है।”

पीठ ने हालांकि कहा, “निर्माताओं को अपना मामला आगे बढ़ाने और उन्हें सीबीआई की रिपोर्ट देने का एक और मौका देने के लिए ... हम अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी को निर्देश देते हैं कि वे निर्माताओं की तरफ से पेश होने वाले संबंधित वकीलों को जांच रिपोर्ट की एक प्रति कल तक प्रस्तुत करें। रिपोर्ट की प्रति याचिकाकर्ता के वकील को भी प्रस्तुत की जाए।”

पीठ ने सीबीआई, चेन्नई के संयुक्त निदेशक की रिपोर्ट के संबंध में अपना मामला रखने के लिए निर्माताओं को एक और मौका दिया तथा निर्देश दिया कि सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की एक प्रति बृहस्पतिवार तक सभी संबंधित वकीलों को मुहैया करायी जाए।

न्यायालय ने कहा कि हर दिन देश में जश्न होता है लेकिन उसे दूसरे पहलुओं पर भी गौर करना होगा और वह लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकता। लोग अस्थमा और अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं…बच्चे भी पीड़ित हो रहे हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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