न्यायाधीशों के खिलाफ ‘अवमानना’ वाली टिप्पणियों पर सीबीआई ने 16 लोगों को नामजद किया

By भाषा | Updated: November 16, 2020 22:20 IST2020-11-16T22:20:54+5:302020-11-16T22:20:54+5:30

CBI names 16 people for 'contempt' comments against judges | न्यायाधीशों के खिलाफ ‘अवमानना’ वाली टिप्पणियों पर सीबीआई ने 16 लोगों को नामजद किया

न्यायाधीशों के खिलाफ ‘अवमानना’ वाली टिप्पणियों पर सीबीआई ने 16 लोगों को नामजद किया

नयी दिल्ली/अमरावती, 16 नवंबर उच्चतम न्यायालय और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणियां करने के मामले में सीबीआई ने 16 लोगों को नामजद किया है।

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर अदालत के महापंजीयक बी राजशेखर की शिकायत पर राज्य सीआईडी द्वारा दर्ज 12 मामलों में जांच संभाल ली है।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि ‘आंध्र प्रदेश राज्य में अहम पदों पर बैठे कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने जानबूझकर न्यायाधीशों पर निशाना साधते हुए साक्षात्कार दिये, टिप्पणियां कीं और भाषण दिये और इनमें उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों पर आदेश सुनाने में जाति तथा भ्रष्टाचार संबंधी आरोप लगाये गये और उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा हाल ही में सुनाये गये फैसलों और आदेशों को लेकर फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर जजों के खिलाफ धमकाने वाले और अपशब्दों से भरे पोस्ट किये।

उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को सीबीआई को मामले की जांच करने का तथा आठ सप्ताह में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था।

मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी।

उच्च न्यायालय ने कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई को आंध्र प्रदेश में कुछ जाने-माने लोगों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था, जो जानबूझकर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर निशाना साध रहे थे।

अदालत ने कहा था, ‘‘उच्च न्यायालय और न्यायाधीशों के खिलाफ घृणा, अवमानना पैदा करने और वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए पोस्ट डाले गए।’’

न्यायमूर्ति राकेश कुमार और न्यायमूर्ति जे उमा देवी की पीठ ने राज्य सरकार के खिलाफ अदालत के कुछ निर्णयों के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ कथित रूप से अवमाननापूर्ण टिप्पणियां किए जाने के बाद आदेश पारित किया था।

उच्च न्यायालय के निर्देशों पर उसके महापंजीयक ने सीआईडी में शिकायत दर्ज कराई, नाम और संबंधित साक्ष्य दिये, लेकिन राज्य पुलिस की जांच इकाई ने खबरों के मुताबिक केवल नौ लोगों को नामजद किया था।

पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘उनके बयान लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं और न्यायपालिका पर हमले के समान हैं। अगर कोई सामान्य व्यक्ति सरकार के खिलाफ कोई टिप्पणी करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत मामले दर्ज कर लिये जाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पदों पर बैठे लोगों ने न्यायाधीशों तथा अदालतों के खिलाफ टिप्पणियां कीं तो मामले क्यों नहीं दाखिल किये गये? इन चीजों को देखते हुए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि न्यायपालिका के खिलाफ जंग का ऐलान किया गया है।’’

विशाखापत्तनम में सीबीआई कार्यालय ने संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किये हैं।

सीबीआई को जांच सौंपते हुए उच्च न्यायालय ने अपने 12 अक्टूबर के आदेश में सीआईडी जांच को लेकर गंभीर निराशा प्रकट की थी।

अदालत ने कहा कि आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री ने भी खुद को न्यायपालिका के खिलाफ तीखी टिप्पणियां करने से खुद को अलग नहीं रखा।

अदालत ने राज्यसभा सदस्य विजयसाई रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा सदस्य नंदीगाम सुरेश, पूर्व विधायक अमानची कृष्ण मोहन, आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए स्थायी वकील मेत्ता चंद्रशेखर राव और अन्य के भी नाम लिये।

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Web Title: CBI names 16 people for 'contempt' comments against judges

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