मुकदमा लंबित रहने के दौरान पीसीए नियमों के तहत मवेशियों को कब्जे में लिया जा सकता है: केन्द्र

By भाषा | Updated: January 11, 2021 18:58 IST2021-01-11T18:58:15+5:302021-01-11T18:58:15+5:30

Cattle can be captured under PCA rules while litigation is pending: Center | मुकदमा लंबित रहने के दौरान पीसीए नियमों के तहत मवेशियों को कब्जे में लिया जा सकता है: केन्द्र

मुकदमा लंबित रहने के दौरान पीसीए नियमों के तहत मवेशियों को कब्जे में लिया जा सकता है: केन्द्र

नयी दिल्ली 11 जनवरी केन्द्र ने पशु क्रूरता रोकथाम कानून, 1960 के तहत बने 2017 के नियमों को न्यायोचित ठहराते हुये सोमवार को उच्चतम न्यायालय में दलील दी कि मवेशियों को ‘जब्त’ करने और ‘कब्जे’ में लेने में अंतर है। केन्द्र ने कहा कि जब्त किये मवेशियों की रिहाई के लिये संबंधित अदालत में आवेदन दायर किया जा सकता है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि पशु क्रूरता रोकथाम कानून के तहत व्यक्ति को दोषी पाये जाने के बाद ही उसके मवेशी को जब्त किया जा सकता है और मुकदमा लंबित होने के दौरान ऐसा नहीं किया जा सकता।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि वह उस स्थिति की बात कर रही है जब कार्यवाही के दौरान मवेशियों को उसके मालिक से ले लिया जाता है।

पीठ ने कहा, ‘‘ब्रिक्री और जब्ती में अंतर होता है। बिक्री होने पर आमदनी होती है। हमारा सरोकार मवेशियों को उनके मालिकों से जब्त करके बंद रखने और इस दौरान उनके जख्मी होने से संबंधित बिन्दु पर है।’’

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल किया है और जहां तक जब्त किये गये मवेशियों का सवाल है तो उनकी रिहाई के लिये संबंधित अदालत में आवेदन दायर किया जा सकता है।

मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन को ‘सीजर’ और कंफिस्केशन’ में भ्रम हो गया है और क्रूरता का शिकार हो रहे पशु को उसी व्यक्ति को रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘आप इन नियमों के बारे में क्या करने जा रहे हैं, जो कानून की धाराओं के भिन्न हैं। ’’

पीठ ने कहा, ‘‘मवेशी लोगों की आजीविका का साधन हैं। धारा में स्पष्ट है कि दोषी पाये जाने के बाद ही पशुओं को ले जाया जा सकता है। नियम दोषसिद्धि से पहले ही पशुओं को ले जाने की इजाजत देते हैं।’’

पीठ ने कहा कि इस मामले में वह केन्द्र के जवाब पर अगले सप्ताह विचार करेगी।

इस मामले में हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वी वी गिरि और सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि कानून में प्रावधान है कि कानून के तहत व्यक्ति की दोषसिद्धि से पहले ही पशुओं को जब्त किया जा सकता है।

न्यायालय ने हस्तक्षेपकर्ताओं को हस्तक्षेप की अनुमति देते हुये इस मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

केन्द्र ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि ‘सीजर’ का तात्पर्य अस्थाई रूप से संपत्ति को अपने कब्जे में लेना है जबकि ‘कंफिस्केशन’ का तात्पर्य मामले विशेष में फैसले के बाद संपत्ति के स्वामित्व का हस्तांतरण है।

न्यायालय ने चार जनवरी को केन्द्र से कहा था कि मुकदमों के दौरान कारोबारियों और ट्रांसपोर्टर्स के मवेशियों को जब्त करने संबंधी 2017 के नियमों को वापस ले या इसमें संशोधन करे क्योंकि ये पशुओं की क्रूरता से रोकथाम कानून के खिलाफ हैं।

न्यायालय ने कहा था कि केन्द्र ने अगर इन नियमों को वापस नहीं लिया या इनमें संशोधन नहीं किया गया तो इन पर रोक लगा दी जायेगी क्योंकि कानून के तहत दोषी पाये जाने पर ही मवेशियों को जब्त किया जा सकता है।

पशुओं से क्रूरता की रोकथाम कानून, 1960 के तहत पशुओं से क्रूरता की रोकथाम (देखभाल और मुकदमे की संपत्ति का रखरखाव) नियम, 2017 बनाये गये थे जिन्हें 23 मई, 2017 को अधिसूचित किया गया था।

न्यायालय ने बफैलो ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दो जुलाई, 2019 को केन्द्र से जवाब मांगा था। इन कारोबारियों ने अपनी याचिका में 2017 के नियमों को चुनौती दी थी।

इन कारोबारियों का आरोप है कि उन्हें जबरन उनके मवेशियों से वंचित किया जा रहा है और इन नियमों के तहत जब्त किये जा रहे मवेशियों को ‘गौशाला’ भेजा जा रहा है। याचिका में कहा गया था कि ये मवेशी अनेक परिवारों की जीविका का साधन हैं।

एसोसिशएशन ने याचिका में आरोप लगाया था कि 2017 में बनाये गये नियम 1960 के कानून के दायरे से बाहर निकल गये हैं।

मई, 2017 में बनाये गये इन नियमों के अनुसार इस कानून के तहत मुकदमों का सामना कर रहे व्यक्ति के मवेशियों को मजिस्ट्रेट जब्त कर सकते हैं और इन मवेशियों को बाद में अस्पताल, गौशाला या पिंजरापोल भेज दिया जाता है।

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Web Title: Cattle can be captured under PCA rules while litigation is pending: Center

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