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बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव से संबंधित मामले में कैट का आदेश रद्द

By भाषा | Updated: October 29, 2021 16:36 IST

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कोलकाता, 29 अक्टूबर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की प्रधान पीठ के उस आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया जिसमें पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के एक आवेदन को कैट की कोलकाता पीठ से नयी दिल्ली में स्थानांतरित करने के लिये कहा गया था। इस आवेदन में बंदोपाध्याय ने केंद्र द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने कैट की कोलकाता पीठ को बंदोपाध्याय के आवेदन की सुनवाई में तेजी लाने और इसे जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया।

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने 28 मई को कलाईकुंडा वायु सेना स्टेशन पर यास चक्रवात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भाग लेने के संबंध में बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी, जिसके खिलाफ बंदोपाध्याय कैट की कोलकाता पीठ का रुख किया था।

खंडपीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा है कि ''मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) ने राज्य के अन्य चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का पूर्व-निर्धारित सर्वेक्षण करने के लिये खुद को और रिट याचिकाकर्ता (अलपन बंदोपाध्याय, जो उस समय पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे) के बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर प्रधानमंत्री से अनुमति ली थी।''

केंद्र सरकार ने उसी शाम राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को विमुक्त करने का निर्देश देते हुए उन्हें 31 मई को नयी दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा था।

हालांकि राज्य सरकार ने बंदोपाध्याय को विमुक्त नहीं किया, जिसके बाद बंदोपाध्याय ने 31 मई को सेवानिवृत्त होने का फैसला किया। हालांकि राज्य सरकार ने उन्हें उस तारीख से तीन महीने तक का सेवा विस्तार दिया था।

सरकार द्वारा बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई और इस संबंध में एक जांच प्राधिकरण नियुक्त किया गया, जिसने 18 अक्टूबर को नयी दिल्ली में प्रारंभिक सुनवाई तय की।

याचिकाकर्ता ने अपने खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देते हुए कैट की कोलकाता पीठ का रुख किया।

केंद्र सरकार ने कैट की प्रधान पीठ के समक्ष एक स्थानांतरण याचिका दायर की। कैट ने 22 अक्टूबर को बंदोपाध्याय के आवेदन को नयी दिल्ली में स्थानांतरित करने की अनुमति दी।

बंदोपाध्याय ने इस आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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