जाति आधारित जनगणनाः नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव साथ, अमित शाह से मिले जदयू नेता, कई दल मिला सकते हैं हाथ

By एस पी सिन्हा | Updated: August 2, 2021 17:51 IST2021-08-02T17:48:34+5:302021-08-02T17:51:43+5:30

Caste Census: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात की पुष्टि की कि वह जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगेंगे।

Caste Census Nitish Kumar and Tejashwi Yadav JDU leaders meet Amit Shah many parties can join hands | जाति आधारित जनगणनाः नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव साथ, अमित शाह से मिले जदयू नेता, कई दल मिला सकते हैं हाथ

केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय लेना है।

Highlightsपार्टी और केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली भाजपा द्वारा अपनाए गए अलग-अलग रुख गठबंधन को प्रभावित नहीं करेंगे।बिहार में द्विसदनीय विधानमंडल ने जाति-आधारित जनगणना के समर्थन में दो बार प्रस्ताव पारित किए हैं।दोनों मौकों पर सभी पार्टियों ने इसके पक्ष में मतदान किया है।

Caste Census: जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार को मुलाकात की।

 

सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जद (यू) ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था। सिंह ने पत्रकारों से कहा कि बिहार विधानसभा ने जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था और अब केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय लेना है।

उन्होंने कहा कि शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी। बिहार में भाजपा के कुछ नेताओं ने इस तरह के कदम के खिलाफ आपत्ति व्यक्त की है, इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने दावा किया कि वह उनके रुख से वाकिफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया था।

जद(यू) के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से समय मांगा था, लेकिन शाह से मिलने के लिए कहा गया। गठबंधन का भागीदार होने के बाजवूद भाजपा और जद(यू) के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है।

कई जाति समूहों द्वारा अपने समुदाय के सदस्यों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के बीच जाति आधारित जनगणना कराने की पैरवी करते हुए जद (यू) अध्यक्ष ने कहा कि यदि इन सभी दावों को मान लिया जाए तो भारत की जनसंख्या वास्तविक संख्या से तीन गुना होगी। यह उल्लेख करते हुए कि आखिरी बार 1931 में जाति आधारित जनगणना करायी गयी थी, उन्होंने कहा कि इससे सरकार को विभिन्न समुदायों को लक्षित करके अपनी विकास नीतियों को तैयार करने में भी मदद मिलेगी। 

Web Title: Caste Census Nitish Kumar and Tejashwi Yadav JDU leaders meet Amit Shah many parties can join hands

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