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डोडा में कोविड नियमों का उल्लंघन करने के लिए चार सरपंचों समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

By भाषा | Updated: June 26, 2021 17:27 IST

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भद्रवाह (जम्मू कश्मीर), 26 जून यहां कोविड​​-19 मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन करने के लिए चार सरपंचों सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों ने अपने गांवों तक सड़क संपर्क की मांग को लेकर भद्रवाह-डोडा राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था जिसके कुछ घंटों के बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरपंचों के नेतृत्व में कई ग्रामीणों ने शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार फारूक खान के काफिले को लगभग दो घंटे तक रोके रखा था। खान डोडा जिले के भद्रवाह शहर में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए गये थे। अपने गांवों के लिए 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण में देरी से नाराज, कुर्सारी, लमोते और कापरा के निवासियों ने कुलसारी पेट्रोल पंप के पास राजमार्ग पर धरना दिया और सलाहकार से इस मुद्दे का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किये जाने संबंधी आश्वासन मिलने के बाद ही वे वहां से हटे थे।

हालांकि, पुलिस द्वारा आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की खबर फैलते ही शनिवार को फिर विरोध शुरू हो गया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को भद्रवाह पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में नामजद आठ लोगों में सरपंच साजिद मीर (कुलसारी), राजू (सुंगली), यासिर (नलथी) और अयाज खान (डांडी) और शिक्षक कुलदीप कुमार के अलावा माजिद खान, आंचल सिंह और फिरदौस अहमद बट शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोविड​​-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और सड़क को उस समय अवरुद्ध कर दिया जब सलाहकार सार्वजनिक मुद्दों के सिलसिले में आधिकारिक दौरे पर भद्रवाह जा रहे थे।

इस बीच ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरपंच साजिद मीर ने कहा, ‘‘हम एक बुनियादी अधिकार की मांग कर रहे हैं क्योंकि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़क संपर्क जरूरी है। पिछले 10 वर्षों से हमें केवल झूठे वादे दिए जा रहे हैं।’’

प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक नरेश गुप्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन लोगों का मौलिक अधिकार है कि वे अपनी शिकायतों के समाधान की मांग करें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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