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अभिषेक बनर्जी, अन्य के खिलाफ त्रिपुरा में पुलिस के काम में व्यवधान डालने के आरोप में मामला दर्ज

By भाषा | Updated: August 11, 2021 17:08 IST

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अगरतला/कोलकाता, 11 अगस्त तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, सांसद डोला सेन, पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ त्रिपुरा में पुलिस अधिकारियों के काम में व्यवधान डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

खोवाई जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार ने बताया कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को तणमूल नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने आठ अगस्त को ड्यूटी कर रहे अधिकारियों के साथ ‘‘बदसलूकी’’ की थी।

एसपी ने कहा, ‘‘ हमने 10 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालने) और 36 (साझा इरादे से) के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। यह प्राथमिकी खोवई पुलिस थाने में प्रवेश से संबंधित है। उन्हें जल्द ही समन किया जाएगा।’’

तृणमूल कांग्रेस के बंगाल के महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा उनके खेमे की बढ़ती लोकप्रियता से ‘‘डर गई’’ है। उन्होंने कोलकाता में पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमारे खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है। हम वहां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुटता व्यक्त करने गए थे।’’ घोष का नाम भी प्राथमिकी में दर्ज है।

त्रिपुरा के खोवई जिले में ‘कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन’ करने के आरोप में रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इनमें वे कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हो गए थे।

इसके तुरंत बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी अगरतला पहुंचे और गिरफ्तार पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए खोवई रवाना हुए। इन पार्टी कार्यकर्ताओं को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी।

अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं और उन्हें पार्टी में उनके बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है।

पुलिस ने बताया कि रात सात बजे रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद यात्रा करते हुए कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए तृणमूल के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव पूछते नजर आ रहे हैं कि उनके समर्थकों को ‘‘हमले का सामना करने के बाद’’ क्यों गिरफ्तार किया गया?

पार्टी के कार्यकर्ताओं को जमानत मिलने के बाद वह उसी दिन ही कोलकाता लौट आए थे।

पूर्वोत्तर राज्य में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुबल भौमिक ने दावा किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की गई और उन पर उन अपराधों का झूठा आरोप लगाया जो उन्होंने नहीं किए।

भौमिक ने कहा, ‘‘ हमने पुलिस अधिकारियों के काम में व्यवधान नहीं डाला। 48 घंटे बाद उन्होंने धारा 186 के तहत हम पर मामला दर्ज करने का इरादा किया। ये आरोप निराधार है और राजनीतिक फायदे के लिए पुलिस प्रशासन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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